Edited By Sunita sarangal,Updated: 02 Apr, 2023 09:58 AM

2022 में पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद साधारण कार्यकर्ता बिल्कुल मायूस होकर अपने घरों में बैठा है।
लुधियाना(स्याल): नवजोत सिंह सिद्धू की 1 वर्ष की सजा अवधि पूर्ण होने के बाद रिहाई से पंजाब का प्रत्येक कांग्रेस कार्यकर्ता उत्साहित है। विगत 1 वर्ष से नवजोत सिंह सिद्धू जैसा तेजतर्रार व जोशीले नेतृत्व के अभाव में साधारण कार्यकर्ता गुमसुम हालात में समय व्यतीत करता रहा। सर्वविदित है कि नवजोत सिंह सिद्धू की पकड़ हाईकमान तक है और वह पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल है। राष्ट्रीय राजनीति में भी वह एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं लेकिन सिद्धू की रूचि हमेशा पंजाब की राजनीति में रही है।
2022 में पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद साधारण कार्यकर्ता बिल्कुल मायूस होकर अपने घरों में बैठा है। सिद्धू की रिहाई के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि हाईकमान सिद्धू को पंजाब की राजनीति में कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए कोई अहम जिम्मेदारी दे सकती है। क्योंकि सिद्धू ही पंजाब के ऐसे नेता है जो कांग्रेस कार्यकर्ताओ में जान व जोश फूंकने की ताकत रखते हैं। सिद्धू ऐसे सक्षम नेता हैं जो अकाली दल व भाजपा का डटकर मुकाबला करने की क्षमता रखते है। वैसे सिद्धू को सजा अवधि के दौरान अपने राजनीतिक विरोधियों और चापलूसों की पहचान हो चुकी है। सिद्धू की रिहाई के साथ ही कुछ स्वयंभू नेता बरसाती मेंढकों की तरह टर टराने लगेंगे। सिद्धू को ऐसे कार्यकर्ताओं से सचेत रहने की आवश्यकता है।
रोष यात्रा में सिद्धू की शमूलियत पर संशय
3 अप्रैल को कांग्रेस पार्टी ने लुधियाना में घंटाघर चौक से पुलिस डिवीजन नंबर 3 चौक तक राहुल गांधी की संसद सदस्यता से बर्खास्तगी के विरोध में रोष स्वरूप पैदल यात्रा निकालने का निर्णय किया है। इसमें प्रदेश स्तर के अधिकांश नेताओं के सम्मिलित होने की आशा है। कार्यकर्ताओं में उत्सुकता बनी हुई है कि इस रोष यात्रा में नवजोत सिंह सिद्धू शामिल होंगे या नहीं।
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