Edited By Kalash,Updated: 27 Oct, 2024 12:15 PM
सिविल सर्जन ऑफिस जालंधर में हुए कथित घपले जिसमें करोड़ों रुपए की दवाइयों और अन्य सामान, जिसकी पेमैंट लेने के लिए सप्लायर दर-दर ठोकरें खा रहे हैं
जालंधर : सिविल सर्जन ऑफिस जालंधर में हुए कथित घपले जिसमें करोड़ों रुपए की दवाइयों और अन्य सामान, जिसकी पेमैंट लेने के लिए सप्लायर दर-दर ठोकरें खा रहे हैं, के बारे में पंजाब केसरी द्वारा बात करने सेहत मंत्री पंजाब डा. बलबीर सिंह ने कहा है कि मामला उनके ध्यान में है। जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है। भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ‘सारे दोषी टंगे जाणगे’। एक भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा। उल्लेखनीय है कि पंजाब केसरी की तरफ से समय-समय पर जनहित के मुद्दों को उठाया जाता रहा है और इसी कड़ी में सिविल सर्जन दफ्तर में हुए करोड़ों रुपए के इस कथित घपले का भी पर्दाफाश किया जा चुका है।
पंजाब केसरी में खबर प्रकाशित होने के बाद संज्ञान लेते हुए हैल्थ विभाग की तरफ से सिविल सर्जन दफ्तर जालंधर द्वारा सन् 2019 से 2022 के बीच लोकल लेवल पर की गई परचेज संबंधी रिकार्ड मंगवा लिया गया है और सिविल सर्जन दफ्तर के पास जितना भी रिकॉर्ड दफ्तर में उपलब्ध था, चंडीगढ़ में जांच कमेटी को सौंपा जा चुका है। उल्लेखनीय है कि सिविल सर्जन दफ्तर में सन् 2019 से 2022 के दौरान लोकल लेवल पर की गई कथित परचेज की पेमैंट दो-तीन साल बाद भी जब सप्लायर्स को नहीं मिली तो उस वक्त पूरा मामला उच्चाधिकारियों के ध्यान में लाया गया। उक्त सारा मामला जब चंडीगढ़ उच्चाधिकारियों के पास पहुंचा तो वहां पर जांच शुरू हो गई।
कहां गया परचेज का रिकार्ड
सप्लायर्स के करोड़ों रुपए सिविल सर्जन दफ्तर में फंस चुके हैं। चंडीगढ़ में उच्च स्तरीय जांच कमेटी की 28 मई 2024 को वित्त योजना भवन में हुई बैठक के दौरान तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. जगदीप चावला द्वारा वहां पर इस बात को माना गया कि सन 2019 से 2022 तक लोकल लेवल पर की गई परचेज संबंधी रिकॉर्ड में टैंडर्स, कोटेशनस इत्यादि नहीं है। इसके उपरांत 30 अगस्त 2024 को डायरैक्टर एन.एच.एम. पंजाब ने पत्र नंबर पीबी-एमडी-एनएच एम /2024/डीआईआर / 870 जारी करके सिविल सर्जन जालंधर को निर्देश दिए थे कि मामले की जांच करके दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानून के मुताबिक एफ.आई. आर. दर्ज करवाई जाए तथा इसकी पूरी रिपोर्ट 15 दिन के भीतर उनके पास जमा करवाई जाए।
इसी पत्र के आधार पर पिछले महीने कार्यकारी सिविल सर्जन डॉ. ज्योति शर्मा ने नैशनल हैल्थ मिशन के डायरैक्टर के आदेशों की पालना करते हुए कमिश्नर ऑफ पुलिस जालंधर को दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने संबंधी पत्र भी लिखा था। इसके बाद एक बार फिर डायरैक्टर नैशनल हैल्थ मिशन द्वारा सिविल सर्जन दफ्तर के अधिकारियों को पत्र लिखकर यह कहा गया था कि उनके पास उक्त समय के दौरान की गई परचेज संबंधी जितना भी रिकॉर्ड है जमा करवाया जाए। इसी पत्र की पालना करते हुए सिविल सर्जन डॉ. गुरमीत लाल ने इससे संबंधी दफ्तर में उपलब्ध सारा रिकॉर्ड चंडीगढ़ में जमा करवा दिया है।
सभी जिलों में सिविल सर्जन सर्जनों से खर्च किए फंडों का ब्यौरा तलब
पंजबा केसरी द्वारा मामला उजागर किए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को पत्र लिखकर 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2024 तक लोकल लेवल पर की गई खरीद का ब्यौरा चंडीगढ़ में स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों के पास जमा करवाने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक पंजाब हैल्थ सिस्टम कार्पोरेशन के डायरैक्टर द्वारा एक पत्र नंबर पी. एच. एस.सी. /कंप्लेंट/24/एस.ए. एस. नगर / 1890 जारी कर राज्य के सभी मौजूदा सिविल सर्जनों एवं मैडीकल सुपरिंटैंडैंट जालंधर तथा माता कौशल्या अस्पताल पटियाला को आदेश दिए जा चुके हैं कि 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2024 डिस्ट्रिक्ट स्तर प्रिक्योरमैंट और आऊटस्टैंडिंग लायबिलिटीज/फंड्स संबंधित जानकारी दी जाए।
पत्र में लिखा गया है कि उक्त अवधि के दौरान उन्हें अलग-अलग योजनाओं के तहत प्राप्त फंड्स, खरीदारी, देनदारी, जिला स्तर पर देनदारी संबंधी लंबित शिकायतें, किसी भी टैंडर संबंधी प्राप्त हुई शिकायत तथा जिला एवं राज्य स्तर पर चल रही कोई भी इंक्वारी / कोर्ट शु केस इत्यादि का पूरा ब्यौरा तलब किया जा चुके है।
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