Edited By Radhika Salwan,Updated: 28 May, 2024 06:25 PM
बात की जाए तो पिछले विधानसभा चुनावों का इन गांवों को लोगों द्वारा डट कर बहिष्कार किया गया था।
दीनानगर, (हरजिंदर सिंह गोराया)- दीनानगर विधान सभा हलके के अंतर्गत रावी दरिया मकोड़ा पत्तन के उस पार बसे सात गांवों में इस बार लोकसभा चुनाव को लेकर काफी उत्साह है। बात की जाए तो पिछले विधानसभा चुनावों का इन गांवों को लोगों द्वारा डट कर बहिष्कार किया गया था। जिसके कारण प्रशासन के काफी हस्तक्षेप के बाद केवल 1-2 प्रतिशत मतदान हुआ क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान इन गांवों के लोग एकजुट हो गए थे कि हमारी रावी नदी पर पक्का पुल कोई भी सरकार नहीं बना रही है, जिसके कारण लोगों ने बहिष्कार करने की घोषणा की थी। जिसके कारण चुनाव के बाद यह काफी चर्चा का विषय बना रहा।
बता दें कि लोगों ने उस समय अपने गांवों में राजनीतिक नेताओं और किसी भी पार्टी के नेताओं को आने की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन इस बार हर पार्टी के नेताओं द्वारा खुलेआम चुनाव प्रचार और रैलियां की गई हैं, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि लोगों में लोकसभा चुनाव को लेकर काफी उत्साह है। इस बार ये लोग किस पार्टी को वोट दे रहे हैं, अगर ये लोग खुलकर वोट करते रहे तो दीनानगर क्षेत्र में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों में से एक का समीकरण बदल सकता है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोग किस वजह से इस पार्टी को ज्यादा पसंद करते हैं। उस नेता का ग्राफ क्षेत्र में ऊंचा और मजबूत हो सकता है। यह सब आने वाले दिनों में देखने वाली बात होगी।
विधानसभा चुनाव की बात करें तो दीनानगर से सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवार को कुछ वोटों से हार का सामना करना पड़ा था और कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार विजयी हुआ था, जिसके चलते लोगों के बीच चर्चा रही कि वोटिंग नहीं हुई। रावी नदी के पार आयोजित होने के कारण मुकाबला काफी खींचा हुआ नजर आ रहा था, लेकिन इस बार प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने लोगों को पहले से ही वोट के बारे में जागरूक करने के लिए कैंप लगाए, जिसके बाद लोगों ने लोकसभा चुनाव में काफी उत्साह दिखाया। जिसके चलते हर राजनीतिक पार्टी अपने शीर्ष नेताओं के साथ इन गांवों में रैलियां कर चुकी है, जिसके चलते हर पार्टी इस सीमावर्ती इलाके में अपनी ताकत का दावा कर रही है, लेकिन आने वाले दिनों में देखने वाली बात होगी कि दीनानगर हलके में किस पार्टी की ताकत ज्यादा देखने को मिलेगी, ये 4 जून के बाद ही देखा जा सकेगा