Edited By Vaneet,Updated: 19 Nov, 2019 08:13 PM

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पत्र के बाद गूगल ने सिख रेफ्रेंडम 2020 ऐप को प्ले स्टोर से हटा दिया है। ...
जालंधर: गूगल ने पंजाब सरकार की शिकायत के बाद अपने प्ले स्टोर से भारत विरोधी मोबाइल ऐप ‘2020 सिख रेफरेंडम हटा दी है। पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को यहां बताया कि यह ऐप अब भारत में मोबाइल फोन उपभोक्ताओं के लिए गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं है। विदेश स्थित एक समूह और भारत द्वारा प्रतिबंधित ‘‘सिख्स फॉर जस्टिस अपने ‘‘2020 सिख रेफरेंडम अभियान के जरिए पंजाब के अलगाव की कवायद में लगा है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस अभियान में पाकिस्तान की खुफिया सेवा के शामिल होने का आरोप लगाया। इस महीने की शुरुआत में उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों से गूगल से संपर्क करने और साथ ही केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ समन्वय करने के लिए कहा था ताकि नई ऐप को हटाया जा सके।
गूगल को आठ नवंबर को सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 79 (3)बी के तहत एक नोटिस भेजकर ‘आइसटेक द्वारा बनाई ऐप को हटाने की मांग की गई। ऐप में मोबाइल उपभोक्ताओं को अलगाववाद के लिए समर्थन दिखाने के वास्ते पंजीकरण कराने के लिए कहा जाता है। सरकार ने एक बयान में कहा कि वेबसाइट ‘‘येस2खालिस्तान भी इसी उद्देश्य के लिए शुरू की गई। राज्य सरकार ने कहा कि गूगल इंडिया इस बात से आश्वस्त हुआ कि उसके प्लेटफॉर्म का ‘‘गैरकानूनी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रतिबंधित संगठनों द्वारा दुरुपयोग किया गया।

दरअसल, पिछले कुछ महीनों से पंजाब में सिख रेफ्रेंडम 2020 के नाम से सीमा पार के कुछ राष्ट्रविरोधी संगठन माहौल खराब करने की कोशिश में हैं। यह प्रदेश और आसपास के इलाकों में आतंक को फिर से जिंदा करने की एक बड़ी साजिश के रूप में देखा जा रहा है। इसी बीच एक मोबाइल ऐप भी सामने आ गया। अब जबकि भारत के साथ-साथ पाकिस्तान की तरफ से भी आपसी सौहाद्र्र को तवज्जो दिए जाने की बात कही जा रही है और गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकोशोत्सव के मौके पर दोनों देशों की सरहदी दूरियां कम होती नजर आई, वहीं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बाजार में आए नए ऐप 2020 सिख रेफ्रेंडम को लेकर चिंता जताई कि इसका इस्तेमाल सिख फॉर जस्टिस जैसे खालिस्तान समर्थक संगठन दुरुपयोग कर सकते हैं।
