Edited By Subhash Kapoor,Updated: 08 Oct, 2025 08:03 PM

सिख धर्म के चौथे गुरु श्री गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर आज अमृतसर का वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो उठा। शहर के कोने-कोने से लेकर श्री हरमंदिर साहिब (गोल्डन टेंपल) तक, हर स्थान पर श्रद्धा और उत्साह का माहौल देखने को मिला।
अमृतसर : सिख धर्म के चौथे गुरु श्री गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर आज अमृतसर का वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो उठा। शहर के कोने-कोने से लेकर श्री हरमंदिर साहिब (गोल्डन टेंपल) तक, हर स्थान पर श्रद्धा और उत्साह का माहौल देखने को मिला। गुरु रामदास जी की याद में आज पूरे शहर ने भक्ति और प्रेम से दीप जलाए और अरदास की।
इस पवित्र अवसर पर श्री दरबार साहिब को फूलों, लाइटों और दीयों से सजाया गया, जिससे पूरा परिसर आलौकिक दिखाई दे रहा था। हर दिशा से फूलों की महक और प्रकाश की आभा ने वातावरण को अत्यंत दिव्य बना दिया। गुरुद्वारा परिसर में हर कोना रंग-बिरंगे फूलों और झिलमिलाती रोशनियों से जगमगा रहा था।

इस शुभ दिन के अवसर पर खास बात यह देखने को मिली कि गुरुद्वारा श्री हरमंदिर साहिब के परिक्रमा मार्ग पर दोपहर के समय हेलिकॉप्टर से फूलों की बारिश की गई। जैसे ही फूलों की पंखुड़ियाँ हवा में बिखरीं, संगत ने "वाहेगुरु" के जयकारे लगाए और वातावरण गूंज उठा। इतना ही नहीं शाम के समय गोल्डन टेंपल परिसर में घी के एक लाख दीये जलाए गए, जिनकी रोशनी ने सरोवर के शांत जल में अद्भुत प्रतिबिंब रचा। पूरा परिसर सुनहरी रोशनी से जगमगा उठा। यह दृश्य देखने के लिए देश-विदेश से पहुंचे हजारों श्रद्धालु दरबार साहिब में नतमस्तक हुए। इस मौके पर आतिशबाजी ने अमृतसर के आसमान को रंगों से भर दिया। आतिशबाजी की चमक और दरबार साहिब की सुनहरी झलक ने मिलकर ऐसा नजारा प्रस्तुत किया, जिसे देखने वाले श्रद्धालु मंत्रमुग्ध रह गए।
गोल्डन टेंपल परिसर में विशेष कीर्तन दरबारों का आयोजन किया गया, जिनमें प्रसिद्ध रागी जत्थों ने गुरु रामदास जी के उपदेशों और बाणी का गायन किया। इस अवसर पर पूरा अमृतसर शहर फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया। हर सड़क, गुरुद्वारा और चौक पर सजावट देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो पूरा शहर प्रकाश और प्रेम से सराबोर हो गया हो।
वहीं इस खास मौके पर देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु अमृतसर पहुंचे। दिनभर गोल्डन टेंपल परिसर में भारी भीड़ रही। हर कोई गुरु रामदास जी के चरणों में माथा टेककर आशीर्वाद प्राप्त कर रहा था।

