Edited By Kalash,Updated: 04 Oct, 2023 04:13 PM

यू.टी. प्रशासन ने प्रदूषण को कम करने के लिए दशहरा, दिवाली और गुरुपर्व पर सिर्फ ईको-फ्रेंडली ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति देने का फैसला लिया है
चंडीगढ़ : यू.टी. प्रशासन ने प्रदूषण को कम करने के लिए दशहरा, दिवाली और गुरुपर्व पर सिर्फ ईको-फ्रेंडली ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति देने का फैसला लिया है। फैस्टीवल सीजन से पहले यू.टी. के प्रशासक बनवाली लाल पुरोहित की अध्यक्षता में बैठक में यह फैसला लिया गया कि शहरवासी तय समय में ग्रीन पटाखे चला सकते हैं। दिवाली पर रात 8 से 10, दशहरा (दहन के दौरान) और गुरुपर्व पर सुबह 4 से 5 और रात 9 से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे चलाने की इजाजत होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 23 अक्टूबर, 2018 को अपने आदेश के माध्यम से ग्रीन पटाखों की बिक्री की इजाजत के निर्देश दिए थे कि दिवाली या अन्य त्योहार जैसे कि गुरुपर्व आदि पर आतिशबाजी रात 8 बजे से 10 बजे तक की जाएगी। इसके अलावा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) ने 1 दिसंबर 2020 को अपने आदेशों के माध्यम से शहरों/कस्बों में पटाखों पर पाबंदी के आदेश दिए जहां हवा की गुणवत्ता मध्यम या खराब थी। इसमें सिर्फ ग्रीन पटाखों की इजाजत दी गई है और वह भी दो घंटे से अधिक नहीं।
बता दें कि इको-फ्रेंडली ग्रीन पटाखों में पर्यावरण के लिए हानिकारक रसायन नहीं होते। दो साल तक आतिशबाजी पर प्रतिबंध लागू करने के बाद प्रशासन ने पिछले साल उस दौरान ग्रीन पटाखों के उपयोग की इजाजत दी थी जब महामारी के कारण प्रशासन ने 2020 और 2021 में वायरस फैलने के खतरे को रोकने के लिए रोकथाम के रुप में पटाखों की बिक्री और चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था।
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