पंजाब में कानूनगो और पटवारियों पर अब सीधे दर्ज होगी FIR, जानें पूरा मामला

Edited By Vatika,Updated: 13 Sep, 2024 02:26 PM

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कानूनगो और पटवारियों पर बिना डी. एम. या राजस्व अधिकारियों की मंजूरी और विभागीय जांच के एफ. आई. आर. दर्ज न करने

चंडीगढ़: कानूनगो और पटवारियों पर बिना डी. एम. या राजस्व अधिकारियों की मंजूरी और विभागीय जांच के एफ. आई. आर. दर्ज न करने के आदेश को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। ऐसे में अब संज्ञेय अपराध की स्थिति में पुलिस या अन्य एजेंसी सीधे एफ, आई. आर. दर्ज कर सकेगी।

याचिका दाखिल करते हुए एडवोकेट एच.सी. अरोड़ा ने कोर्ट को बताया कि राजस्व विभाग के विशेष सचिव ने 21 सितम्बर, 2021 को डी.जी.पी. को पत्र लिख कर बिना डी.एम. या राजस्व अधिकारियों की अनुमति के पटवारियों व कानूनगो पर एफ.आई.आर. का विरोध किया था। पत्र में 16 मई, 2001 के आदेश का हवाला देते हुए बताया गया था कि तब बिना डी.एम. या राजस्व विभाग के अधिकारियों की अनुमति के इनके खिलाफ एफ. आई. आर. दर्ज न करने का  सभी जिलों के एस.एस.पी. को आदेश दिया गया था। तब यह कहा गया था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो झूठी शिकायतों से यह प्रताड़ित होंगे।

पत्र के बाद गृह विभाग ने सभी एस. एस.पी. को इसका पालन करने का निर्देश दिया था। याची ने कहा कि कानूनगो व पटवारी राजस्व अधिकारी नहीं बल्कि तृतीय श्रेणी के अधिकारी हैं। केवल इनको विना विभागीय जांच के एफ. आई. आर. से छूट देना पंजाब के अन्य कर्मचारियों के साथ भेदभाव होगा। हाईकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ललिता कुमारी मामले में यह स्पष्ट कर चुका है कि संज्ञेय अपराध की सूचना पर जांच से पहले एफ. आई. आर. दर्ज करना अनिवार्य है। कानूनगो व पटवारियों को इस प्रकार एफ. आई. आर. से छूट देना सही नहीं है। इन टिप्पणियों के साथ ही हाईकोर्ट ने संज्ञेय अपराध की जानकारी पर इन अधिकारियों पर भी एफ.आई.आर. दर्ज करने का आदेश दिया है।

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