नई मुसीबत में पंजाब के किसान! पढ़ें क्या है पूरा मामला

Edited By Vatika,Updated: 15 Feb, 2025 02:30 PM

farmers in new trouble

आज यह सब्जी मंडी में 3 रुपए किलो बिक रही है, जबकि गाजर भी इसी दर पर बिक रही है।

गुरदासपुर(विनोद): कुछ दिन पहले हरी सब्जियों के दाम आसमान छूते नजर आते थे। हालांकि सब्जियों के दाम बढऩे से व्यापारी वर्ग और किसान खुश थे, लेकिन आम जनता निराश हो रही थी। लेकिन अब सब्जियों के दामों से जनता खुश नजर आ रही है, लेकिन किसान निराश नजर आ रहे हैं। बाजार में हर सब्जी के दाम न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए हैं, जिसके कारण किसान सब्जी मंडी के सब्जी लेकर आने पर जो खर्च आ रहा है वह भी पूरा नही कर पा रहे हैं और कसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।

क्या है बाजार में सब्जियों के भाव :-
अगर सब्जी मंडी गुरदासपुर में सब्जियों के थोक भाव की बात करें तो इस समय आलू 6-8 रुपये, प्याज 22 रुपये, टमाटर 10 रुपये, शिमला मिर्च 25 रुपये, मूली 3 रुपये, गाजर 5 रुपये, गोभी 5 रुपये, बैंगन 10 रुपये, भिंडी 50 रुपये, करेला 50 रुपये, मेथी 10 रुपये, पालक 7 रुपये, लहसुन 80 रुपये, अदरक 30 रुपये, शलजम 4 रुपये तथा गोभी 5 रुपये प्रति किलो मिल रही है। इसके अलावा कई अन्य सब्जियां हैं जिनके दाम कई बार आसमान छू चुके हैं, लेकिन आज वे भी बहुत दामों पर बिक रही हैं।

सब्जी मंडी में सब्जियां कोढिय़ों के भाव बिक रही हैं:-
अगर इस समय सब्जी मंडी में सब्जियों की बात करें तो सब्जियां इस समय कोढियों के भाव बिक रही हैं। कई सब्जियां जिन्हें खरीदने के लिए लोग पहले काफी पैसे चुकाते थे, अब बहुत कम दामों पर बेची जा रही हैं। जिसके कारण लोगों को तो आनंद आ रहा है, लेकिन किेसान वर्ग को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। अगर गोभी की बात करें तो एक समय यह 60-70 रुपए किलो बिकती थी, लेकिन आज यह सब्जी मंडी में 3 रुपए किलो बिक रही है, जबकि गाजर भी इसी दर पर बिक रही है।

सब्जियों के दाम गिरने से व्यापारी और किसान निराश:-
जिस तरह से सब्जियों के दाम अचानक गिरने लगे हैं। जिसके कारण किसानों द्वारा दिन-रात मेहनत कर तैयार की गई सब्जियों का सही दाम न मिलने से किसान व व्यापारी पूरी तरह से निराश हैं। क्योंकि 30-40 किलोमीटर का सफर तय कर मंडी पहुंचने के बाद सब्जियों का सही दाम न मिलने से वाहनों का किराया भी नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण कृषक समुदाय को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। जबकि कई किसानों ने पट्टे पर जमीन लेकर सब्जियां उगा रखी हैं, जिससे उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।

जिले में सब्जी उत्पादन बढऩे से सब्जियों के दामों में गिरावट आई है:-
जिले में सब्जी उत्पादन में वृद्धि का कारण सब्जी के दामों में गिरावट है, क्योंकि बाजार में बड़ी संख्या में सब्जियों की आवक होने से सब्जियों के दामों में कमी आई है। इस समय अगर आप बाजार पर नजर डालें तो आपको सुबह-सुबह बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रॉली, छोटे हाथी गोभी, मूली, गाजर, पालक, शलजम, हरी मिर्च, बैंगन, शिमला मिर्च व अन्य सब्जियां लेकर आते हुए दिखाई देंगे। जिसके कारण कई किसानों की सब्जियां बिक जाती हैं, जबकि कई किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ता है।

कई किसान अपने खेतों में सब्जियां नष्ट करने को मजबूर हुए:-
सब्जियों के दाम में अचानक आई गिरावट के कारण लागत पूरी न हो पाने की स्थिति को देखते हुए कई किसान सब्जियां उखाडक़र बेचने के बजाय उन्हें खेतों में ही नष्ट करने को मजबूर हो गए हैं। किसानों के अनुसार, यदि वे मजदूर से सब्जियां तुड़वाकर सब्जी मंडी में बेचने जाते हैं तो उन्हें करीब 1,000 से 2,000 रुपए का खर्च आता है, लेकिन बाजार में सब्जियों के मौजूदा दामों के कारण हमारा खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। जिसके कारण हमें खेतों में सब्जी को वहाई कर मिटटी में मिलाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

क्या कहना है सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष रवि महाजन का:-
इस संबंध में जब हमने सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष रवि महाजन से बात की तो उन्होंने कहा कि यह सही है कि इस समय सब्जियों के दाम कम हुए हैं। क्योंकि इस समय जिले में सब्जी उत्पादन बढऩे से ये दरें कम हो गई हैं। इस संबंधी जल्दी ही सुधार होगा तथा किसानों को पूरा रेट मिलेगा।

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