Edited By Kamini,Updated: 06 Jan, 2025 03:36 PM
खनौरी बॉर्डर पर चल करे किसान आंदोलन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई है।
पंजाब डेस्क : खनौरी बॉर्डर पर चल करे किसान आंदोलन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई है। इस दौरान पंजाब सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल पेश हुए। सुनवाई दौरान पंजाब सरकार ने ये दावा किया है कि किसान नेता डल्लेवाल कोर्ट की बनाई कमेटी से मिलने के लिए तैयार हो गए हैं। बता दें इस मामले में पिछली सुनवाई 2 जनवरी को हुई थी।
आज 6 जनवरी (सोमवार) को हुई सुनवाई में पंजाब सरकार ने ये भी दावा किया है कि आंदलोनकारी किसानों को कोर्ट द्वारा बनाई गई हाईपावर कमेटी के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस नवाब सिंह से मिलने के लिए मना लिया गया है। सुनवाई के दौरान एडवोकेट सिब्बल ने कोर्ट से अपील की है कि इस केस की अगली सुनवाई कुछ समय बाद की जाए, जिसके चलते कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई 10 जनवरी को तय कर दी है। गौरतलब है कि, इससे पहले किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कमेटी अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस नवाब सिंह को चिट्ठी लिखी थी। इसमें कहा गया था कि उनका प्रतिनिधिमंडल 4 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से मिला था लेकिन कमेटी को शंभू और खनौरी बॉर्डर आने का टाइम नहीं मिला। क्या वे मेरी मौत का इंतजार कर रहे थे। उस समय किसान नेता डल्लेवाल ने कहा था कि वह सिर्फ केंद्र सरकार से बात करेंगे।
बता दें कि हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान पिछले साल से डटे हुए हैं। इससे जुड़े 2 मामाले सुप्रीम कोर्ट में चल रहे हैं। पहला मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के शंभू बॉर्डर खोलने के फैसले के खिलाफ हरियाणा सरकार की याचिका का है और दूसरा खनौरी बॉर्डर पर 42 दिन से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती न कराने की पंजाब सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका है। आपको के ये भी बता दें कि, शनिवार को महापंचायत में 9 मिनट के संबोधन के बाद डल्लेवाल को चक्कर और उल्टियां होने लगीं थी। उनका ब्लड प्रेशर काफी कम गया। वहीं उल्टियां होने की वजह से डल्लेवाल ने अब पानी पीना भी छोड़ दिया है। उनकी सेहत काफी कमजोर हो गई है।
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