Edited By Urmila,Updated: 17 May, 2025 01:43 PM

सरताज सिंह चहल आई.पी.एस., एस.एस.पी. संगरूर ने बताया कि जिला पुलिस संगरूर को बुरे तत्वों के खिलाफ चलाई मुहिम के तहत उस समय सफलता मिली।
बरनाला (विवेक सिंधवानी, सिंगला, बेदी) : सरताज सिंह चहल आई.पी.एस., एस.एस.पी. संगरूर ने बताया कि जिला पुलिस संगरूर को बुरे तत्वों के खिलाफ चलाई मुहिम के तहत उस समय सफलता मिली जब एक व्यक्ति को नकली पुलिस बनकर लोगों से ठगी करते हुए काबू किया गया और उसके पास से 30,000 रुपए, पुलिस वर्दी और सफेद रंग की पुलिस लोगो लगी टी-शर्ट बरामद करवाई गई।
इस दौरान चहल ने बताया कि तरनवीर वर्मा पुत्र अमरिंदर वर्मा निवासी बेनड़ा के खिलाफ एक लड़की ने शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने संबंधी दरखास्त दी थी, जिसकी पड़ताल उप कप्तान पुलिस (सी.ए.डब्ल्यू.) संगरूर द्वारा की जा रही थी। इसी दौरान तरनवीर वर्मा के भाई करनवीर वर्मा को उसके दोस्त जसकरन सिंह निवासी पेदनी ने अमृतपाल सिंह पुत्र सुखचैन सिंह निवासी जौहलियां से मिलवाया।
अमृतपाल सिंह ने अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अपनी पुलिस की वर्दी में और पिस्तौल के साथ फोटो डाली हुई थी, जो अपने आप को पुलिस मुलाजिम बताता था। उसने करनवीर वर्मा को कहा कि वह उसके भाई के खिलाफ चल रही दरखास्त को वहीं बंद करवा देगा और उसके भाई के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने देगा। इस काम के बदले अमृतपाल सिंह उक्त ने पुलिस के नाम पर करनवीर वर्मा से 2.30 लाख रुपए अपने बैंक खाते में गूगल पे करवाए और 2.50 लाख रुपए नकद ले लिए थे। इसके अलावा हाईकोर्ट के वकील के नाम पर अमृतपाल सिंह ने 2 लाख रुपए और ले लिए थे। इस तरह अमृतपाल सिंह ने कुल 6.80 लाख रुपए की ठगी मारी है। इसके बाद जब तरनवीर वर्मा के खिलाफ बलात्कार का मुकद्दमा दर्ज हो गया तो करनवीर वर्मा ने अमृतपाल सिंह के खिलाफ पुलिस के नाम पर पैसे लेकर ठगी मारने संबंधी दरखास्त दी।
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