Edited By Vatika,Updated: 24 Jul, 2025 03:00 PM

पंजाब के सरकाती अस्पतालों में काम करने वाले डाक्टर्स और हेल्थ केयर वर्कर्स
चंडीगढ़(अर्चना सेठी): पंजाब के सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डाक्टर्स और हेल्थ केयर वर्कर्स की सुरक्षा खतरे में है। प्रदेश में मरीजों का इलाज करने वाले डाक्टर्स पर तीमारदार हमले कर रहे हैं। रिकॉर्ड कहता है कि गत 18 माह में डाक्टर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स पर तकरीबन 70 हमले हो चुके हैं। वर्ष 2024 में 60 ऐसी वारदातें हुई जिनमें पेशेंट्स के तीमारदारों ने अस्पतालों में तैनात स्टाफ को या तो लहूलुहान किया या अस्पतालों की इमारतों में तोड़फोड़ की। मौजूदा वर्ष के गत 3 माह में लगभग 10 ऐसी बारदातें हुई, जिसमें हेल्थकेयर वर्कर्स की सुरक्षा खतरे में रही।
पंजाब के अस्पतालों में ऐसे हमले रोकने के लिए पंजाब सिविल मेडीकल सर्विसेज एसोसिएशन गत कई माह से सरकार से सुरक्षा कर्मचारियों की 24/7 तैनाती को लेकर गुहार लगा रही है। पंजाब सरकार ने हालांकि बीते साल अगस्त के माह में डाक्टर्स को लिखित में आश्वासन दिया था कि डाक्टरों की मांग जल्द पूरी कर दी जाएगी परंतु साल बीत जाने के बाद भी सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर सकी है। पंजाब सरकार ने अस्पतालों में पैसको के सिक्योरिटी गार्ड से जुड़ा प्रस्ताव बनाया लेकिन वित्त विभाग की आपत्ति की वजह से प्रस्ताव कागजों तक ही सिमट कर रह गया है।
पंजाब के स्वास्थ्य विभाग ने हालांकि सभी मामलों में त्वरित हस्तक्षेप किया। स्वास्थय मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के निर्देशों के बाद पंजाब पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने तुरंत मामलों में कार्रवाई की। जिसके परिणामस्वरूप कठोर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई और उपद्रवियों को पकड़ा गया। पंजाब सिविल मैडीकल सर्विस एसोसिएशन का कहना है कि सरकार पहले कभी इतनी सक्रिय नहीं थी, जितनी की गत एक वर्ष से रही है। हमलावारों पर सख्त कार्रवाई से समाज में कड़ा संकेत गया है कि ऐसी घटनाओं को बर्दाशत नहीं किया जाएगा।