Edited By Vatika,Updated: 23 Jul, 2025 03:48 PM

प्रशासन और सरकार पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि हर साल सिर्फ दावे ....
सुल्तानपुर लोधी: पहाड़ी क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण ब्यास दरिया का जलस्तर एक बार फिर तेज़ी से बढ़ गया है। पानी किनारों को पार करके खेतों की ओर बढ़ रहा है। मंड क्षेत्र में किसानों द्वारा बनाए गए अस्थायी बांध टूटने लगे हैं, जिससे इलाके में फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ नज़र आने लगी हैं।
जानकारी के अनुसार, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के चलते डैमों में जलस्तर बढ़ गया है। आज पंडोह डैम के 5 गेट खोले गए, जिससे ब्यास दरिया का जलस्तर और अधिक बढ़ गया है। किसानों का कहना है कि अगर पानी का स्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। किसानों ने बताया कि उन्होंने अपनी फसल को बचाने के लिए खुद अस्थायी बांध बनाए थे, लेकिन अब वो भी टूटने लगे हैं जिससे फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचने की आशंका है। किसानों के अनुसार सावन और भादो का महीना मंड क्षेत्र के लिए सबसे संकटपूर्ण होता है, क्योंकि भारी बारिश के कारण हर साल बाढ़ आती है और धान की फसल बर्बाद हो जाती है। इससे किसान कर्ज के बोझ तले दब जाते हैं और हालात सामान्य होने में 2 से 3 साल लग जाते हैं। किसानों ने कहा कि वर्ष 2023 की बाढ़ से अभी तक वो पूरी तरह उबर नहीं पाए थे, और अब इस साल फिर से भारी बारिश और बादल फटने से बाढ़ का खतरा लगातार बना हुआ है।
ब्यास दरिया में बढ़ते जलस्तर ने किसानों की रातों की नींद उड़ा दी है। किसान अपने स्तर पर गांव बाउपुर के बांध पर मिट्टी के बोरे भरकर बाढ़ से बचाव का प्रयास कर रहे हैं। किसान नेता परमजीत सिंह बाउपुर ने बताया कि सरकार और प्रशासन के भरोसे के बावजूद किसान खुद बड़ी संख्या में बोरे भर रहे हैं ताकि बांध को मज़बूत कर फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। किसान नेता ने प्रशासन और सरकार पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि हर साल सिर्फ दावे होते हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस इंतज़ाम नहीं होते। मुसीबत आने पर कोई मदद के लिए नहीं आता। इस मौके पर सुखदेव सिंह, हरबेल सिंह, जसविंदर सिंह, हरजिंदर सिंह, गुरताज सिंह आदि मौजूद थे।