DMC अस्पताल को लग सकती है करोड़ों की चपत, घिरा विवादों में, जानें मामला

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 20 Jan, 2025 12:08 AM

dmc hospital may face loss of crores surrounded by controversies

दयानंद मेडिकल कॉलेज में 20000 स्क्वायर मीटर की कंस्ट्रक्शन पर पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से एनवायरमेंट क्लीरिंग प्रमाण पत्र  न लेने का मामला उलझता जा रहा है, जिसके एवज में अब होने करोड़ों रुपए की पेनल्टी भुगतनी पड़ सकती है।

लुधियाना (सहगल) : दयानंद मेडिकल कॉलेज में 20000 स्क्वायर मीटर की कंस्ट्रक्शन पर पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से एनवायरमेंट क्लीरिंग प्रमाण पत्र  न लेने का मामला उलझता जा रहा है, जिसके एवज में अब होने करोड़ों रुपए की पेनल्टी भुगतनी पड़ सकती है। अब नोटिस मिलने पर दयानंद मेडिकल अस्पताल के डॉक्टर व पदाधिकारी सिफारिशों के लिए इधर-उधर दौड़ रहे हैं परंतु बीते शनिवार को पीपीसीबी लुधियाना के चीफ इंजीनियर आरके रत्तड़ा के पास दयानंद मेडिकल कालेज को जारी किए गए नोटिस की हियरिंग रखी गई थी और इस हियरिंग में डीएमसी की मैनेजमेंट से फाइनांस हैड उमेश गुप्ता पहुंचे थे। इसके अलावा उनके साथ शहर में बायो मेडिकल वेस्ट उठाने का कांट्रेक्ट चलाने वाला एक कारोबारी भी साथ में मौजूद रहा। बताया जाता है कि इस हियरिंग से कुछ मिनट पहले डीएमसी हीरो डीएमसी हार्ट इंस्टिट्यूट का का एक सीनियर डाक्टर भी पीपीसीबी चीफ आफिस में इसी मामले में सिफारिश करने को भी पहुंचा था। 

उल्लेखनीय है कि पीपीसीबी ने दयानंद मेडिकल कॉलेज को अंडर सेक्शन 31 ए व 33 ए के तहत नोटिस जारी किया था। सूत्र बताते हैं कि डीएमसी प्रबंधन की ओर से  यह कहा गया है कि दयानंद मेडिकल कॉलेज एजुकेशनल इंस्टीटयूट हैं, इसलिए उन्हें कंसेंट की जरुरत नहीं है इसी दलील की आड मे नियमों की उंल्लघना होती रही है। यह भी कहा जाता है कि बोर्ड की अनदेखी के चलते डीएमसी मैनेजमेंट की ओर से जमकर नियमों की उंल्लघना की जा रही थी। बताया जाता है कि हियरिंग में भी डीएसमी मैनेजमेंट खानापूर्ति करते ही दिखाई दिए और बेहद कम दस्तावेजों के साथ बोर्ड आफिस पहुंचे और हियरिंग दौरान वे 20-25 का दिन का समय मांग कर फिर से उक्त मामले को मैनेज करने में जुट गये है। 

क्या है मामला
 इस मेडिकल कॉलेज की ओर से नई बिल्डिंग निर्माण में एनवायरमेंट क्लीयरेंस ना लिए जाना भी सवालों के घेरे में है। गौर हो कि 20000 स्क्वायर मीटर से ऊपर की कंस्ट्रक्शन पर नियमों के तहत एनवायरमेंट क्लियरेंस लेनी जरूरी होती है, लेकिन इस निर्माण में सब कुछ दरकिनार कर दिया गया। पीपीसीबी की ओर से जारी नोटिस में ये साफ किया गया है कि दयानंद मेडिकल कालेज में कुल पांच ब्लॉक बनाए गए हैं और इसमें ग्राउंड फलोर के अलावा छह छह मंजिलें बनाई गई हैंं। इस सिलसिले में अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर तथा अन्य अधिकारी पूछने पर कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।

कट सकता है बिजली का कनेक्शन
बताया जाता है कि कंसेंट फीस ना जमा कराने के एवज में मैडीकल कालेज की बिजली का कनेक्शन काटा जा सकता है जिसका उल्लेख पीपीसीबी के नोटिस मे भी किया गया है।

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