पंजाब कांग्रेस में कलह, हाईकमान के फार्मूले पर भी नहीं माने 2 पूर्व मंत्री!

Edited By Vatika,Updated: 28 Aug, 2025 02:18 PM

discord in punjab congress

हाईकमान द्वारा अपनाए गए फार्मूले से पूरी तरह सहमत नहीं हैं।

लुधियाना(हितेश, रिंकू):  2027 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में एकजुटता का माहौल बनाने के लिए हाईकमान की एंट्री हो गई है, जिसके तहत पंजाब में उलझ रहे कांग्रेस के बड़े नेताओं की जफ्फी दिल्ली पहुंच कर पड़ गई।  इस संबंध में फोटो बाकायदा पंजाब प्रधान राजा वडिंग व पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा अपने सोशल मीडिया पर वायरल की गई है। जो पिछले काफी समय से पंजाब में चल रही संविधान बचाओ रैली में इकट्ठे हिस्सा लेने की बजाय एक दूसरे के खिलाफ गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। 

इस फोटो में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के सी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी भूपेश बघेल के अलावा पंजाब के नेता विपक्ष प्रताप बाजवा, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा, पूर्व मंत्री विजय इन्द्र सिंगला व प्रगट सिंह भी नजर आ रहे हैं।  यह फोटो राहुल गांधी व मल्लिकाअर्जुन खड़गे द्वारा संगठन सर्जन अभियान के तहत दिल्ली में बुलाई गई सियासी मामलों की कमेटी की बैठक के बाद जारी की गई है। मिली जानकारी के मुताबिक इस मीटिंग में जहां विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर विचार किया गया। वहीं उससे पहले एकजुटता पर भी जोर दिया गया जिसके लिए हाईकमान के दखल की जरूरत बताई गई,  क्योंकि पंजाब कांग्रेस में चल रही लड़ाई की मुख्य वज़ह मुख्यमंत्री का चेहरा बनने की है। सूत्रों के अनुसार सीनियर नेताओं ने इस दौड़ मे शामिल पंजाब के नेताओं को साफ कर दिया है कि पहले राज्य में पार्टी की मजबूती के लिए काम करें और मुख्यमंत्री के नाम को लेकर हाईकमान द्वारा  जो भी फैसला किया जाएगा, वो सबको मानना पड़ेगा।  इसके बाद उक्त नेताओं द्वारा आपसी मनमुटाव खत्म करने की गारंटी के साथ एक फ्रेम में फोटो जारी की गई है , जिसके चलते आने वाले समय में पंजाब में कांग्रेस की राजनीति में बदलाव देखने को मिलेगा। 

 राणा गुरजीत व आशु की गैर मौजूदगी को लेकर छिड़ी चर्चा
दिल्ली में लंबे समय तक हुई मीटिंग के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कोर भट्ठल के पूर्व मंत्री रजिया सुल्तान, साधु सिंह धर्मसौत, राणा के पी, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, ओ पी सोनी, सुखसरकारीया, रणदीप नाभा, गुरुकीरत सिंह, एमपी डॉ अमर सिंह, गुरजीत ओजला, पूर्व एमपी जसबीर सिंह डिम्पा, विधायक सुखपाल खेहरा, कुलजीत नागरा मौजूद थे लेकिन दोनों मीटिंग के अलावा समझोता फोटो में से राणा गुरजीत व आशु की गैर मौजूदगी को लेकर चर्चा छिड़ गई है। क्योंकि यह दोनों ही नेता खुलकर राजा वडिंग के ग्रुप का विरोध कर रहे हैं। हालांकि उनके ग्रुप से चन्नी व प्रगट सिंह तो इस सुलह में शामिल हो गए हैं। लेकिन राणा गुरजीत व आशु की गैर मौजूदगी को लेकर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह विधानसभा चुनाव से पहले एकजुटता की जरूरत के मद्देनजर हाईकमान द्वारा अपनाए गए फार्मूले से पूरी तरह सहमत नहीं हैं। 

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