मुंह में मिट्टी डाल जहां जिंदा दफनाई थी Dilroz, वहां पहुंचा पूरा परिवार, देखे भावुक कर देने वाली तस्वीरें

Edited By Vatika,Updated: 19 Apr, 2024 02:12 PM

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दिलरोज हत्याकांड में जज ने आरोपी नीलम को फांसी की सजा सुनाकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।

पंजाब डेस्कः दिलरोज हत्याकांड में जज ने आरोपी नीलम को फांसी की सजा सुनाकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। वहीं आज बच्ची का पूरा परिवार उस जगह पर पहुंचा , जहां दिलरोज को जिंदा दफनाया गया था। इंसाफ मिलने पर दिलरोज की फोटो लेकर पूरा परिवार उस जगह पहुंचा और फूल चढ़ा रहा है। मां-बाप वहां की  मिट्टी को चूम-चूम कर रो रहे है। परिवार का कहना है कि वाहेगुरु दिलरोज को हमारे घर फिर से लेकर आए तांकि हमारा घर खुशियों से भर जाएं। 

बता दें कि जिला सत्र न्यायाधीश मुनीश सिंघल की अदालत ने स्थानीय एल्डिको एस्टेट वन के निकट वर्ष 2021 में एक 2 वर्ष 9 महीने के नाबालिग मासूम बच्ची दिलरोज के अपहरण और उसकी नृशंस हत्या के करने के आरोप में क्वालिटी रोड, शिमलापुरी, लुधियाना की महिला नीलम को आज फांसी की सजा सुनाई है।जिला एवं सेशन जज  मुनीश सिंघल की अदालत ने 12 अप्रैल को दोषी ठहराया था व सजा निर्धारित करने के लिए मामला आज के लिए स्थगित किया था। महिला आरोपी पर बच्ची को ज़मीन में जिंदा दफनाने के आरोप थे और दम घुटने से बच्ची की मौत हो गई थी।

बहस के दौरान, पीड़ित के वकील परुपकर घुम्मन व सरकारी वकील बी डी गुप्ता ने कहा था कि मासूम की हत्या पर कम से फांसी की सजा दी जानी चाहिए।पीड़ित आरोपी का परिचित था, क्योंकि वह उसका पड़ोसी था। जिंदा दफनाए जाने के कारण बच्चे को हुई पीड़ा असामान्य है। दरअसल, आरोपी को पता था कि जिंदा दफनाए जाने पर मृतक की दम घुटने से मौत हो जाएगी और रेत/मिट्टी नाक, सांस की नली, फेफड़ों और फिर खून में और मुंह, आंख और कान में भी जा सकती है, जो इस मामले में हुआ। ऐसे मामलों में मौत बहुत दर्दनाक होती है क्योंकि मृतक सांस नहीं ले पाता। दरअसल, जिंदा दफनाए जाने की घटना भयानक मौत की सूची में काफी ऊपर है।

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