हादसों के बाद भी नहीं जागा रेलवे प्रशासन, 3 दिन पहले दुर्घटनाग्रस्त ट्रैक पर हुआ था Derailment

Edited By Radhika Salwan,Updated: 03 Jun, 2024 01:26 PM

derailment happened on the accident prone track 3 days ago

ट्रेनों का पटरी से उतरना कोई नई बात नहीं है, पहले भी ऐसे कई हादसे हो चुके हैं ।

जालंधर- ट्रेनों का पटरी से उतरना कोई नई बात नहीं है, पहले भी ऐसे कई हादसे हो चुके हैं और रेलवे की ओर से जांच कमेटी भी बनाई गई है, लेकिन कल जिस ट्रैक पर (साधूगढ़ और सरहिंद के बीच) ट्रेन पटरी से उतरी, वहां दो मालगाड़ियां टकरा गईं। 3 दिन पहले भी इसी ट्रैक पर पटरी से उतरने की घटना हुई थी और इस दौरान कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे लेकिन रेलवे ने इससे कोई सबक नहीं सीखा, जिसके बाद आज फिर वह हादसा हो गया

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बता दें कि 30 मई को दोपहर करीब 3.30 बजे दिल्ली रूट पर साधुगढ़-सरहिंद के पास एक मालगाड़ी के पहिए पटरी से उतर गए और इससे वंदे भारत समेत कई ट्रेनें प्रभावित हुईं। घटना की जगह भले ही अलग हो लेकिन शनिवार का हादसा भी उसी ट्रैक पर हुआ। सूत्रों का कहना है कि कुछ दिन पहले मालगाड़ी का पटरी से उतरना और आज फिर वही हादसा होना कई सवाल खड़े करता है। बीते दिन जब यह हादसा हुआ तो रात का समय था, अगर यह हादसा दिन में होता तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।

जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में हुए हादसों के बाद भी रेलवे की ओर से पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए, जिसके कारण दोबारा हादसा हुआ। इस साल पटरी से उतरने समेत कई दुर्घटनाएं हुई हैं, जिससे रेलवे की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। इसके साथ ही एक अन्य हादसे के दौरान जालंधर से एक मालगाड़ी अकेले ही मुकेरियां पहुंच गई। इसी साल कुछ महीने पहले जम्मू-कश्मीर से एक मालगाड़ी (14806-आर) बिना ड्राइवर-गार्ड के पंजाब पहुंच गई थी। करीब 80 किलोमीटर तक मालगाड़ी को नहीं रोका जा सका, जिससे बड़ा हादसा हो सकता था। उस समय बताया गया था कि ट्रेन चलाने के बाद ड्राइवर हैंड ब्रेक लगाना भूल गया था, जिसके कारण ट्रेन वैसे ही चलती रही। उस वक्त कई स्टेशनों पर ट्रेन को रोकने की कोशिश की गई और आखिरकार लकड़ी के स्टॉपर लगाकर ट्रेन को रोका गया।

इसी साल के पहले महीने में जगराओं में शंटिंग के दौरान एक मालगाड़ी के पहिए पटरी से उतर गए थे। जब मालगाड़ी की शंटिंग की जा रही थी तो दो पहिए ट्रैक से उतर गए। दुर्घटना रिलीफ वाहन मौके पर पहुंचा और अन्य विभाग के कर्मचारियों ने करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद पहियों को ट्रैक पर चढ़ाया। जांच के दौरान अधिकारियों को पता चला कि जब मालगाड़ी जगराओं स्टेशन पर खड़ी थी, तो प्वाइंट मैन ने एक रैक की ब्रेक चेन लगा दी थी, जिसके कारण रैक आगे नहीं बढ़ सका।

इसी वर्ष 23 मार्च को, गुजरात के वडोदरा से 50 तेल टैंकरों को लेकर एक मालगाड़ी (BTPN) जालंधर के सुचि गांव में रुकने के बजाय 40 किमी दूर होशियारपुर के टांडा पहुंच गई। जब रेलवे अधिकारियों को इस गलती के बारे में पता चला तो उक्त ट्रेन को वापस सुच्ची गांव लाया गया। इस ट्रेन में 47 टैंकर पेट्रोल और 3 टैंकर डीजल था, जिसे आदमपुर एयरफोर्स स्टेशन भेजा जाना था। जब उक्त गाड़ी टांडा पहुंची तो उसके इंजन को घुमाकर पीछे लगा दिया गया और गाड़ी को सुच्ची गांव लाया गया।

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