Edited By VANSH Sharma,Updated: 22 Jul, 2025 10:20 PM

अब पूरी सुनवाई के बाद अदालत ने मनमोहन पाल शर्मा को दोषी करार दे दिया है।
लुधियाना (मेहरा): भ्रष्टाचार निरोधक मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश अमरिंदर सिंह शेरगिल ने एक हाई-प्रोफाइल भ्रूण लिंग जांच से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में जनकपुरी, लुधियाना के रहने वाले मनमोहन पाल शर्मा को दोषी ठहराया है। अदालत अब उसे 23 जुलाई को सजा सुनाएगी।
यह मामला 24 अप्रैल 2023 को दर्ज की गई शिकायत संख्या 33-5/D से जुड़ा है, जिसे सिविल अस्पताल, लुधियाना के जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. हरप्रीत सिंह ने दर्ज करवाया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, डॉ. सिंह और उनकी टीम उस दिन पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई कर रही थी। जांच के दौरान मनमोहन पाल शर्मा ने डॉ. सिंह से कहा कि उसे केस में न फंसाया जाए और सिर्फ मशीनें जब्त कर ली जाएं। इसके बदले उसने ₹10 लाख की रिश्वत देने की पेशकश की। उसने मौके पर ही अपने घर फोन करके ₹4,98,000 मंगवाए और वह राशि डॉ. सिंह को देने की कोशिश की। लेकिन डॉ. सिंह ने रिश्वत लेने की बजाय इसकी सूचना विजिलेंस ब्यूरो को दी। विजिलेंस टीम ने मौके पर ही पैसे बरामद कर लिए।
अभियोजन पक्ष ने यह भी कहा कि शर्मा एक ऐसे गिरोह का हिस्सा है, जो अवैध भ्रूण लिंग जांच जैसे मामलों में शामिल है। उसके खिलाफ और भी मामले जांच के अधीन हैं। वहीं, बचाव पक्ष ने कहा कि उनके मुवक्किल को झूठा फंसाया गया है और उस पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं।
लेकिन अदालत ने सभी रिकॉर्ड और सबूतों को ध्यान से देखने के बाद पाया कि आरोपी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की धारा 8 के तहत दोषी ठहराया गया है। 9 नवंबर 2023 को इस धारा के तहत आरोप तय किए गए थे। अब पूरी सुनवाई के बाद अदालत ने मनमोहन पाल शर्मा को दोषी करार दे दिया है।
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