Edited By Sunita sarangal,Updated: 02 Feb, 2022 12:05 PM

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की तरफ से 2 सीटों से विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला करने के बाद भदौड़ सीट काफी...........
लुधियाना(हितेश): पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की तरफ से 2 सीटों से विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला करने के बाद भदौड़ सीट काफी चर्चा में है। यह सीट भगवंत मान को लगातार 2 बार जीत दिलाने वाले संगरूर लोकसभा हलके का हिस्सा है। इस सीट पर मौजूदा विधायक पिरमल सिंह भी आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव जीते थे। हालांकि पिरमल कुछ समय पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे लेकिन यदि इतिहास पर नजर डालें तो इस सीट पर अब तक हुए चुनावों में सिर्फ 3 बार को छोड़ कर हमेशा अकाली दल का कब्जा रहा है।
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इनमें से साल 1972 से लेकर 1985 तक लगातार 4 बार अकाली दल के कुन्दन सिंह ने जीत हासिल की है। चाहे साल 1992 दौरान अकाली दल की तरफ से विधानसभा चुनावों का बायकाट करने के कारण बसपा के निर्मल सिंह चुनाव जीत गए लेकिन साल 1997 में अकाली दल ने फिर वापसी की और उसके नेता बलबीर सिंह ने साल 2007 तक जीत की हैट्रिक लगाई।
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जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उसे भदौड़ सीट पर इतिहास में पहली बार जीत साल 2012 में मुहम्मद सादिक ने दिलाई। इन्होंने मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के प्रिंसिपल सचिव दरबारा सिंह गुरू को हराया था। इसके बाद साल 2017 में चुनाव लड़ने वाले जोगिन्द्र सिंह तीसरे नंबर पर रहे थे। अब साल 2022 के चुनावों में अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवार बदल दिए हैं तो कांग्रेस ने मुख्यमंत्री चन्नी के रूप में मास्टर स्ट्रोक खेला है। इसके जरिए संगरूर और बरनाला के साथ मालवा की और सीटों पर प्रभाव डालने का टारगेट रखा गया है।
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