एक बार फिर सुर्खियों में 'चिट्टा क्वीन' महिला कांस्टेबल,  जानें क्या है इस बार की खबर

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 07 Nov, 2025 05:10 PM

chitta queen  female constable in the headlines once again

जिला अदालत बठिंडा ने भ्रष्टाचार के एक चर्चित मामले में विजिलेंस ब्यूरो (बठिंडा रेंज) को कड़ी फटकार लगाई है।

बठिंडा, (विजय वर्मा): जिला अदालत बठिंडा ने भ्रष्टाचार के एक चर्चित मामले में विजिलेंस ब्यूरो (बठिंडा रेंज) को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने इस साल अगस्त माह से बर्खास्त पंजाब पुलिस की महिला कांस्टेबल अमनदीप कौर के खिलाफ पूरक चालान (सप्लीमेंट्री चार्जशीट) दायर करने में बार-बार नाकाम रहने पर नाराज़गी जताते हुए जांच एजेंसी को 20 नवंबर तक का अंतिम अवसर दिया है। 

सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस ब्यूरो लगातार पिछली पांच सुनवाइयों से कोर्ट से समय मांगता आ रहा है, लेकिन अब तक चालान पेश नहीं किया गया। इस पर अदालत ने सख्त रूख अपनाते हुए साफ निर्देश दिए हैं कि इस बार किसी भी तरह की देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरिंदर पाल कौर ने विजिलेंस विभाग के डीएसपी की ओर से की गई याचिका को मंजूर किया, जिसमें कहा गया था कि आरोपित के बैंक विवरण प्राप्त होते ही पूरक चालान दाखिल कर दिया जाएगा। अदालत ने अभियोजन पक्ष को “न्याय के हित में” अंतिम मौका देते हुए यह भी निर्देश दिए कि 20 नवंबर से पहले चालान अदालत में पेश किया जाए ताकि आरोप तय कर मुकदमे की प्रक्रिया आगे बढ़ सके। 

गिरफ्तारी से लेकर बर्खास्तगी तक — 

पूरा मामला बठिंडा शहर की रहने वाली महिला कांस्टेबल अमनदीप कौर को 2 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार किया गया था। उस समय उसकी थारा गाड़ी से 17.71 ग्राम हेरोइन बरामद हुई थी। गिरफ्तारी के बाद उसे तुरंत निलंबित किया गया और 3 अप्रैल को विभाग से बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने उसकी चल-अचल संपत्तियों, वेतन, बैंक खातों और ऋण रिकार्ड की गहन जांच की। जांच के बाद बठिंडा रेंज के विजिलेंस थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) और 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया। अमनदीप फिलहाल बठिंडा सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में है। विजिलेंस की जांच में सामने आई चौंकाने वाली जानकारी विजिलेंस जांच में यह सामने आया कि 2018 से 2025 तक अमनदीप कौर की कुल आय ₹1,08,37,550 रुपये थी, जबकि उसके खर्चे ₹1,39,64,802.97 रुपये थे। यानी उसने अपनी ज्ञात आय से ₹31,27,252.97 रुपये अधिक खर्च किए, जो उसकी वैध आय से लगभग 28.85 प्रतिशत अधिक था। विजिलेंस स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) परमिंदरजीत कौर ने 11 अगस्त 2025 को अदालत को सूचित किया था कि एजेंसी पूरक चालान दायर करने की तैयारी में है। हालांकि, तब से अब तक लगातार पांच सुनवाइयों में समय मांगा गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। वरिष्ठ अधिकारी के संरक्षण के आरोप अमनदीप कौर की गिरफ्तारी के बाद यह मामला राज्य स्तर पर सुर्खियों में आ गया था। चर्चा थी कि उसे पंजाब के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी का संरक्षण प्राप्त था। हालांकि, जांच एजेंसियों ने इस दावे से इनकार किया है। विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार, अब तक की जांच में ऐसा कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं मिला है जो किसी उच्चाधिकारी की भूमिका को सिद्ध करे। इसके साथ ही इंटेलिजेंस ब्यूरो और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने भी अमनदीप से अलग-अलग स्तर पर पूछताछ की है। 

अदालत की चेतावनी: “इस बार लापरवाही बर्दाश्त नहीं” 

अदालत ने आदेश में कहा है कि विजिलेंस विभाग की देरी के कारण मुकदमे की प्रक्रिया प्रभावित हुई है, जिससे न्यायिक कार्रवाई में अनावश्यक विलंब हुआ। अब अदालत ने साफ कहा है कि यदि 20 नवंबर तक चालान दाखिल नहीं हुआ, तो इस पर अगली सुनवाई में विभाग को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर 2025 को तय की गई है, जिसमें अदालत अमनदीप कौर के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।

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