Edited By Kamini,Updated: 08 Jun, 2023 12:30 PM

भारतीय जनता पार्टी के विपक्षी दल अक्सर दावा करते हैं कि भाजपा में शामिल होने वाला हर व्यक्ति या हर नेता अंततः पाक साफ हो जाता है।
जालंधर (अनिल पाहवा) : भारतीय जनता पार्टी के विपक्षी दल अक्सर दावा करते हैं कि भाजपा में शामिल होने वाला हर व्यक्ति या हर नेता अंततः पाक साफ हो जाता है। विपक्ष के लोग अक्सर शिकायत करते हैं कि बीजेपी ने एक वाशिंग मशीन लगा रखी है, जिसमें नेता कितना भी भ्रष्ट क्यों न हो, पार्टी में शामिल होकर वह दूध का धुला बन जाता है। लेकिन हाल ही में भ्रष्टाचार के मामले में सी.बी.आई. की चार्जशीट से इस बात का खंडन किया गया है। सी.बी.आई. ने एंब्रायर भ्रष्टाचार मामले में चार्जशीट दायर की है, जिसमें व्यवसायी अनूप गुप्ता, वकील गौतम खेतान और भाजपा नेता अरविंद खन्ना का भी नाम है। अरविंद खन्ना इन दिनों बीजेपी में सक्रिय राजनीति कर रहे हैं। इससे पहले वे कांग्रेस में थे। उन्हें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का भी करीबी माना जाता है और खास बात यह है कि कैप्टन भी इन दिनों बीजेपी में हैं।
अरविंद खन्ना व अन्य के खिलाफ दायर चार्जशीट में ब्राजील की फर्म के डी.आर.डी.ओ. से 3 विमानों के सौदे के मामले में रिश्वतखोरी की बात कही गई है। यह रिश्वत 5.76 करोड़ डॉलर बताई जा रही है। सी.बी.आई. की विशेष अदालत में दायर चार्जशीट में एजेंसी ने तीनों के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा 120 बी लगाई है। इस मामले में एन.आर.आई. कारोबारी विपन खन्ना का भी नाम है लेकिन उनकी मौत के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई रोक दी गई है। सी.बी.आई. ने आरोप लगाया है कि डी.आर.डी.ओ. में अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए सिंगापुर स्थित इंदरदेव कंपनी के माध्यम से कथित तौर पर 5.76 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी गई थी।
2008 में हुए इस सौदे के मामले में सी.बी.आई. ने एम्ब्रेयर और इंदरदेव पी.टी.ई. लिमिटेड के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था। यह मामला 2016 में दर्ज किया गया था। उस वक्त ब्राजील के एक अखबार ने आरोप लगाया था कि एम्ब्रेयर ने सऊदी अरब और भारत में डील के लिए बिचौलियों की मदद ली थी, जबकि भारत में रक्षा खरीद मामलों के लिए बनाए गए नियमों में बिचौलियों पर सख्त पाबंदी है। सी.बी.आई. द्वारा दायर चार्जशीट में अरविंद खन्ना का नाम आना इस बात का प्रमाण है कि विपक्षी दलों द्वारा भाजपा पर लगाए गए आरोप सही नहीं हैं। अगर यही सोच बीजेपी की होती तो शायद अरविंद खन्ना को केस से हटा दिया जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here
पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here