Big News : CBI कोर्ट ने म'र्डर मामले में मेयर सिद्धू को किया बरी

Edited By Urmila,Updated: 20 Dec, 2025 05:58 PM

the cbi court acquitted mayor sidhu in the murder case

पंजाब के पूर्व कांग्रेसी मंत्री बलवीर सिद्धू के भाई और मोहाली के मेयर अमरजीत सिंह उर्फ जीती सिद्धू के खिलाफ मर्डर केस में अदालत ने बरी कर दिया है।

मोहाली : पंजाब के पूर्व कांग्रेसी मंत्री बलवीर सिद्धू के भाई और मोहाली के मेयर अमरजीत सिंह उर्फ जीती सिद्धू के खिलाफ मर्डर केस में अदालत ने बरी कर दिया है। मोहाली की स्पेशल CBI कोर्ट ने शनिवार को यह फैसला सुनाया कि मेयर जीती सिद्धू के खिलाफ हत्या में शामिल होने का कोई ठोस सबूत नहीं है।

mayor sidhu mohali

मामला क्या था?

यह मामला 19 दिसंबर 2010 को हुआ था, जब मोहाली के खरड़ स्थित बलियाली गांव में रतन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शुरू में इस हत्या का आरोप सरपंच कुलवंत सिंह और दिलावर सिंह पर लगा था। लेकिन मृतक के बेटे, हरजिंदर सिंह ने दावा किया कि इस हत्या में मोहाली के विधायक जीती सिद्धू भी शामिल थे। इसके बाद मोहाली पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, लेकिन ज्यादा कार्रवाई नहीं की।

सीबीआई जांच क्यों हुई?

जब पंजाब पुलिस ने उचित जांच नहीं की, तो मृतक के परिवार ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में आवेदन किया और मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग की। 2012 में हाईकोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच सौंप दी। सीबीआई की जांच में यह पाया गया कि पुलिस जांच में कई खामियां थीं, जैसे गवाहों के बयान दर्ज नहीं करना और हथियारों की फोरेंसिक जांच न कराना।

सीबीआई कोर्ट ने जीती सिद्धू को इस मामले से बरी करते हुए कहा कि मामले में पेश किए गए सबूत यह साबित नहीं करते कि वह हत्या में शामिल थे। कोर्ट ने सीबीआई की जांच की सख्ती से समीक्षा की और पाया कि हत्या के आरोप सही साबित नहीं हुए।

जीती सिद्धू की विदेश यात्रा की अनुमति 

मामले के दौरान, जीती सिद्धू ने कनाडा जाने की अनुमति मांगी थी। इस पर मृतक के वकील ने विरोध किया, क्योंकि उनका कहना था कि यदि वह विदेश गए तो वे भारत लौटने में देरी कर सकते हैं। हालांकि, अदालत ने उन्हें शर्तों के साथ विदेश जाने की अनुमति दी, जिसमें 15 लाख रुपये का पर्सनल बांड और एफडी जमा करने की शर्तें शामिल थीं।

जीती सिद्धू का राजनीतिक सफर 

अमरजीत सिंह उर्फ जीती सिद्धू मोहाली नगर निगम के मेयर हैं और उनके परिवार की राजनीति में मजबूत पकड़ रही है। वह कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे हैं, लेकिन हाल ही में उन्होंने बीजेपी जॉइन की थी, और फिर कांग्रेस में वापसी की। उनकी प्रमुख पहचान स्थानीय विकास कार्यों में रही है, जिसमें सफाई व्यवस्था, सड़कों, और अन्य नागरिक सुविधाओं का सुधार शामिल है।

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