Edited By Subhash Kapoor,Updated: 06 Nov, 2024 11:36 PM
इस वर्ष के अप्रैल माह में सिविल अस्पताल के एमरजैंसी वार्ड में एक मृतक मरीज के साथ जिंदा मरीज को एक ही बिस्तर पर रखने के मामले में मानवाअधिकार आयोग अस्पताल के तत्कालीन सीनियर मेडिकल ऑफिसर तथा डॉक्टर पर जांच के बाद की गई कार्रवाई की एक्शन टेकन...
लुधियाना (सहगल) : इस वर्ष के अप्रैल माह में सिविल अस्पताल के एमरजैंसी वार्ड में एक मृतक मरीज के साथ जिंदा मरीज को एक ही बिस्तर पर रखने के मामले में मानवाअधिकार आयोग अस्पताल के तत्कालीन सीनियर मेडिकल ऑफिसर तथा डॉक्टर पर जांच के बाद की गई कार्रवाई की एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है कि इस संदर्भ मे डॉक्टरों पर क्या कार्रवाई की गई है।
लुधियाना के समाजिक कार्यकर्ता अरविंद शर्मा ने आयोग को इस घटना के संबंध में जानकारी देते हुए सिविल अस्पताल के डॉक्टर द्वारा की गई लापरवाही की शिकायत आयोग को की थी। इस पर आयोग ने सेहत विभाग से जवाब मांगा था। सिविल सर्जन द्वारा आयोग को भेजे जवाब में बताया गया कि पूरे मामले की जांच करवाई गई। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद तत्कालीन एसएमओ व एक एमरजैंसी मैडीकल अफसर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई। परंतु आयोग के मुताबिक जांच रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि अभी तक इन दोनों अफसरों पर क्या कार्रवाई हुई है। इसलिए मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि 21 फरवरी 2025 को निर्धारित करते हुए सिविल सर्जन को अगली सुनवाई से पहले पहले अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि 15 अप्रैल को पंजाब केसरी में इस खबर को प्रमुखता से छापा गया था 14 अप्रैल को घटित इस घटना की जांच पूर्व सिविल सर्जन डॉक्टर जसबीर सिंह औलख ने करने के निर्देश जारी किए थे परंतु बाद में वह उसे रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुए और अस्पताल के पूर्व सीनियर मेडिकल ऑफिसर सहित इमरजेंसी मेडिकल अफसर को भी लापरवाही का जिम्मेदार माना और इसकी रिपोर्ट डायरेक्टर हेल्थ को भेज कर उक्त घटना मे लापरवाही का जिम्मेदार मानते हुए उचित कार्रवाई की सिफारिश की थी। विभाग के सूत्र बताते हैं कि बाद में इस कार्रवाई पर बिना कोई नतीजा निकाले पर्दा डाल दिया गया।