Edited By Sunita sarangal,Updated: 13 Sep, 2020 10:34 AM
कहा-अभी तक खरीद के टैंडर भी जारी नहीं हुए तो घोटाला कहां से हो गया?
चंडीगढ़/जालंधर(रमनजीत, धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने आम आदमी पार्टी द्वारा राज्य सरकार पर कोविड केयर किटों में घोटाले के आरोप लगाने को हास्यास्पद करार दिया है। सी.एम. ने कहा कि अभी तो कोविड केयर किटों के टैंडर को अंतिम रूप भी नहीं दिया गया है तो घोटाला कहां से हो गया। इसलिए ‘आप’ विधायक के आरोपों का कोई आधार नहीं है। ‘आप’ विधायक अमन अरोड़ा द्वारा किटें खरीदने में घपलेबाजी के लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार पर हर समय हमला करने की इच्छा में रहने वाली आम आदमी पार्टी गलत और सही में अंतर करना ही भूल गई है।
कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा किटों की खरीद के लिए टैंडर को अंतिम रूप देने से पहले ही अमन अरोड़ा ने घपलेबाजी के आरोप लगा दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 360 रुपए (जी.एस.टी. अलग) के पल्स ऑक्सीमीटर के साथ किट की लागत को 748 रुपए अंतिम रूप दिया है।
‘आप’ विधायक ने एक रेट लिस्ट (जो उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को भेजी है) पर आधारित आरोप लगाए हैं, जिसमें वास्तव में 13 आइटमों की सूची दी गई है, जबकि सरकारी किट के लिए 16 आइटमें खरीदी जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अरोड़ा की सूची में कैप्सूल विटामिन डी, बीटाडिन गारगिल और बैलून्ज शामिल नहीं हैं। इसके अलावा उनकी सूची में 100 मिलीलीटर का सैनेटाइजर है, जबकि सरकारी किट में 500 मिलीलीटर का सैनेटाइजर है।
उन्होंने कहा कि बाजार में 10 रुपए का तरल काढ़ा मौजूद ही नहीं है। शायद आम आदमी पार्टी ऐसे कुछ काढ़े अपने स्तर पर या दिल्ली के बाजार में बना रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीद से पहले ही आरोप लगाकर ‘आप’ विधायक ने अपनी पार्टी की राज्य सरकार के विरुद्ध तथ्यहीन नकारात्मक प्रचार करने की रणनीति को उजागर किया है।
उन्होंने कहा कि खरीद टैंडरों के आधार पर हो रही है तथा राज्य सरकार द्वारा खरीदी जा रही किटों की कीमत इससे भी कम होगी तथा यह अस्पतालों तथा घरों में क्वारंटाइन होने वाले कोविड रोगियों में मुफ्त में बांटी जाएगी परंतु विधायक अरोड़ा ने जल्दबाजी में गलत सूचना प्रसारित की है तथा सरकार द्वारा टैंडर को अंतिम रूप दिए जाने का भी इंतजार नहीं किया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरह नियंत्रण नहीं पाना चाहती क्योंकि राजधानी दिल्ली में कोविड को लेकर हालात जनता के सामने हैं।