Edited By swetha,Updated: 15 Apr, 2019 12:17 PM
पंजाब के जिला रोपड़ के गांव ख्वासपुर में 15 मार्च 1934 को जन्मे कांशीराम ने वर्ष 1984 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की स्थापना की थी।
चंडीगढ़(गुरउपदेश भुल्लर ):पंजाब के जिला रोपड़ के गांव ख्वासपुर में 15 मार्च 1934 को जन्मे कांशीराम ने वर्ष 1984 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की स्थापना की थी। देश की तीसरी बड़ी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पा चुकी बसपा का ग्राफ 2014 के लोकसभा चुनाव से लगातार गिरना शुरू हुआ। पंजाब में तो पार्टी पिछले 20 वर्षों के दौरान तेजी से गिरावट की ओर बढ़ी है। सबसे बुरी हालत वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में हुई। तब इसका वोट प्रतिशत गिरकर सिर्फ 1.5 प्रतिशत रह गया जबकि इससे पहले वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वोट प्रतिशत 1.9 था। हालांकि एक समय बसपा का पंजाब में वोट शेयर 19 प्रतिशत तक पहुंच गया था।
कांशीराम के सक्रिय रहते पार्टी का था बोलबाला
कांशीराम के सक्रिय राजनीति में रहने के समय बसपा ने पंजाब में एक बार 1992 के विधानसभा चुनाव में 9 और वर्ष 1996 के लोकसभा चुनाव में 3 सीटें जीती थीं। पार्टी के संस्थापक कांशीराम भी खुद उस समय होशियारपुर से सांसद निर्वाचित हुए थे। 32 प्रतिशत के करीब दलित आबादी वाले राज्य पंजाब में बसपा का ज्यादा प्रभाव दोआबा क्षेत्र में रहा है। अक्तूबर 2006 में कांशीराम की मृत्यु के बाद और मायावती के पार्टी सुप्रीमो बनने के उपरांत पंजाब में बसपा के ग्राफ में उतार-चढ़ाव जारी रहा है। पार्टी के प्रदेश नेतृत्व में भी समय-समय पर तबदीलियां होती रहीं इसके बावजूद पार्टी लगातार गिरावट की ओर गई और ज्यादातर अकेले चुनाव लड़ती रही। इस कारण बसपा पर राज्य में अकालियों को लाभ पहुंचाने के आरोप भी लगते रहे हैं। पंजाब से मायावती ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अवतार सिंह करीमपुरी को राज्यसभा सदस्यता भी दी परंतु इसका भी कोई लाभ नहीं हुआ और उनको भी पार्टी ने किनारे कर दिया।
बदलते सियासी हालात के मुताबिक गठबंधन की रणनीति अपनाई
इस बार देश व प्रदेश में बदलती राजनीतिक परिस्थितियों के चलते बसपा ने अपनी चुनावी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। जैसे उत्तर प्रदेश में अपनी कट्टर विरोधी रही समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर लिया, वहीं पंजाब में भी अकेले चलो की नीति को बदलते हुए बसपा इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन में शामिल हुई है। उल्लेखनीय बात है कि इस गठबंधन में वामदल भी शामिल हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा व 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा का दलित वोट बैंक तेजी से उभरी आम आदमी पार्टी की ओर खिसक गया था लेकिन बाद में आम आदमी पार्टी की गुटबाजी के चलते पिछले समय में हुए जिला परिषद व ग्राम पंचायत चुनाव में बसपा को मिली जीत से पार्टी को पंजाब में फिर उभरने की उम्मीद दिखाई दी है। जिला परिषद व ग्राम पंचायत चुनाव में बसपा समर्थक जिला परिषद व पंचायत समितियों में 50 से अधिक प्रत्याशी बिना पार्टी चुनाव चिन्ह के सफल हुए थे। अब पंजाब में नए अध्यक्ष रछपाल सिंह राजू के नेतृत्व में पार्टी ने गठबंधन की नई रणनीति को अपनाते हुए ‘आप’ से बागी होकर अलग हुए विधायक सुखपाल सिंह खैहरा व सांसद डा. धर्मवीर गांधी द्वारा बनाए गए पंजाब डैमोक्रेटिक एलायंस से हाथ मिलाया है।
दोआबा व अन्य क्षेत्रों में खोया जनाधार पाने के प्रयास
अब पार्टी एलायंस के माध्यम से दोआबा व अन्य क्षेत्रों में अपने जनाधार को फिर मजबूत करने का सपना देख रही है। पार्टी को उम्मीद है कि निराश होकर पिछले समय में ‘आप’ में गया दलित काडर भी वापसी करेगा, जिसका संकेत दोआबा में ग्राम स्तर के चुनाव में मिली जीत से मिलता है। पंजाब डैमोक्रेटिक अलायंस से मिलकर बसपा अपने पुराने जनाधार वाली तीन सीटों जालंधर, आनंदपुर साहिब व होशियारपुर से लोकसभा के चुनाव मैदान में उतरी है।
विधानसभा चुनाव में बसपा की स्थिति
वर्ष |
प्रत्याशी |
विजेता |
प्राप्त वोट |
प्राप्त वोट प्रतिशत |
1992 |
105 |
9 |
490552 |
16.32 |
1997 |
67 |
1 |
769675 |
07.48 |
2002 |
100 |
0 |
588579 |
05.69 |
2007 |
115 |
0 |
521972 |
04.13 |
2012 |
117 |
0 |
597020 |
04.29 |
2017 |
117 |
0 |
234400 |
01.5 |
लोकसभा चुनाव में बसपा की स्थिति
वर्ष |
प्रत्याशी |
विजेता |
प्राप्त वोट |
प्राप्त वोट प्रतिशत |
1989 |
12 |
1 |
684763 |
08.62 |
1992 |
12 |
1 |
594628 |
19.31 |
1996 |
4 |
3 |
825565 |
09.35 |
1998 |
4 |
0 |
1152986 |
12.65 |
2004 |
13 |
0 |
784454 |
07.67 |
2009 |
13 |
0 |
680048 |
05.75 |
2014 |
13 |
0 |
263227 |
01.91 |
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टियों का वोट शेयर
पार्टी |
वोट प्रतिशत |
कांग्रेस |
38.5 |
आम आदमी पार्टी |
23.7 |
शिरोमणि अकाली दल |
25.2 |
भाजपा |
5.4 |
आजाद |
2.1 |
बसपा |
1.5 |
लोक इंसाफ पार्टी |
1.2 |
अकाली दल (एम) |
0.3 |
अपना पंजाब पार्टी |
0.2 |
क्रांतिकारी मार्क्सवादी पार्टी |
0.2 |
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी |
0.2 |
नोटा |
0.7 |