Edited By Kalash,Updated: 30 Jun, 2024 02:44 PM
4 वर्ष पूर्व स्टडी वीजा पर इंगलैंड गए हितीश रतन, पुत्र नवीन रतन वासी जालंधर ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद इंगलैंड में छोटा-बड़ा काम किया।
जालंधर : 4 वर्ष पूर्व स्टडी वीजा पर इंगलैंड गए हितीश रतन, पुत्र नवीन रतन वासी जालंधर ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद इंगलैंड में छोटा-बड़ा काम किया। इस दौरान उसके मां-बाप उसका हौसला लगातार बढ़ाते रहे। सिलाई मशीन कारोबारी का बेटा अब इंगलैंड में पुलिस अफसर बन गया है। हितीश रतन ने मां-बाप से मिले लगातार हौसले के कारण अपनी हिम्मत नहीं हारी और अंतत: उसने पुलिस अफसर की परीक्षा को पास कर लिया। परीक्षा पास करने के बाद इंटरव्यू के लिए 203 लोग पहुंचे हुए थे।
अंतत: हितीश रतन का चयन कर लिया गया। अब वह इंगलैंड के शहर ब्राइटन की 1853 में बनी बड़ी जेल में बतौर जेलर के रूप में तैनात किया गया है। इस जेल की विशेषता यह है कि इसमें अभी तक किसी भी भारतीय को तैनात नहीं किया गया था। हितीश रतन ऐसे पहले भारतीय जेलर हैं, जिन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है। हितीश ने इंगलैंड में जालंधर का नाम रोशन किया है। उसके मां-बाप ने भी आज कहा कि उसे अपने बेटे पर गर्व है। जिसने न केवल जालंधर बल्कि समूचे भारत का नाम इंगलैंड में रोशन किया है।
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