विधानसभा चुनाव में अकेले हाथ आजमाने की तैयारी में BJP, 50 सिख चेहरों पर नजरें टिकाईं

Edited By swetha,Updated: 29 Sep, 2019 09:35 AM

bjp eyes 50 sikh faces of punjab

भारतीय जनता पार्टी 2022 के विधान सभा चुनाव में अकेले हाथ आजमाने की तैयारियां कर रही है।

पटियाला(राजेश): भारतीय जनता पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव में अकेले हाथ आजमाने की तैयारियां कर रही है। इसके तहत पार्टी ने प्रदेश के 50 सिख चेहरों पर नजरें टिकाई हुई हैं। जहां हरियाणा का एकमात्र अकाली विधायक भाजपा में शामिल हो गया है, वहीं सूत्रों के मुताबिक बड़ी संख्या में पंजाब की सत्ता पर काबिज कांग्रेस पार्टी व अकाली दल के मौजूदा विधायक, पूर्व विधायक व पूर्व सांसद समय आने पर भाजपा की नैया में सवार हो सकते हैं। 

117 सीटों पर सर्वे शुरू

प्रदेश की 117 सीटों पर भाजपा ने अभी से सर्वे करना शुरू कर दिया है। हालांकि पार्टी अभी पत्ते नहीं खोल रही है परंतु सूत्रों के मुताबिक हाईकमान ने प्रदेश भाजपा को गठबंधन व अकेले दोनों विकल्पों के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। यही वजह है कि पंजाब भाजपा के प्रधान व राज्य सभा सांसद प्रदेश के ग्रामीण विधान सभा हलकों में भी जाने लगे हैं। इसका भाजपा का सहयोगी अकाली दल विरोध कर रहा है। श्वेत मलिक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के गृह जिले पटियाला में पड़ते राजपुरा व घनौर विधान सभा हलकों में दौरा कर चुके हैं। 

8 विधानसभा सीटों पर पैनी नजर

जिला पटियाला के कुल 8 विधानसभा क्षेत्रों में से पटियाला शहरी, पटियाला देहाती, राजपुरा, समाना व घनौर पर भाजपा की पैनी नजरें हैं। सूत्रों के मुताबिक पटियाला में कैप्टन के अति करीबी रहे कुछ मौजूदा विधायक भाजपा के टच में हैं क्योंकि उनकी अब 2002 वाली सरकार जैसी सुनवाई नहीं हो रही है। कैप्टन सरकार का आधा कार्यकाल बीत चुका है, विधायक डेढ़ साल का और इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक अकाली दल के कई दिग्गज नेता भाजपा के टच में हैं। इनमें पूर्व सांसद, मौजूदा सांसद, मौजूदा विधायक व पूर्व विधायक शामिल हैं। भाजपा ने जब हरियाणा में सरकार बनाई थी तो उन्होंने राष्ट्रीय लोक दल व कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं को टिकटें दी थीं। पार्टी ने ऐसे नेताओं की पहचान की थी जो अपने हलके में 5 से 10 हजार अपने निजी वोट रखते हैं, जिसके चलते ही भाजपा को हरियाणा में बड़ी जीत मिली थी। पंजाब में भी पार्टी इसी तरह का फार्मूला अपनाना चाहती है। 

बेअदबी के आरोपों से उभर नहीं पा रहा अकाली दल

कांग्रेस व अकाली दल के जो नेता अपने-अपने विधानसभा हलकों में गहरी पैठ रखते हैं, भाजपा उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करके चुनाव लड़वा सकती है। भाजपा हाईकमान के पास यह रिपोर्ट पहुंच चुकी है कि अकाली दल पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब व नशों के लगे बेअदबी के आरोपों से अकाली दल अभी तक उभर नहीं पा रहा है। अकाली दल से दूर हुआ पंजाब का पंथक वोट बैंक अभी तक वापस नहीं आया है, जिसके कारण भाजपा हाईकमान ङ्क्षचतित है। इस स्थिति को भांपते हुए ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने ऐलान किया है कि वह 2022 का पंजाब विधान सभा चुनाव लड़ेंगे। यह अलग बात कि कैप्टन सरकार की कारगुजारी से उसके अपने मंत्री व विधायक ही खुश नहीं हैं। 

पंजाब में कांग्रेस पार्टी की नहीं अपितु ब्यूरोक्रेसी की सरकार

सियासी गलियारों में यही कहा जाता है कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी की नहीं अपितु ब्यूरोक्रेसी की सरकार है। किसी भी मंत्री या विधायक के कहने पर किसी भी अधिकारी की पोस्टिंग नहीं होती। सरकार के मंत्री व विधायक न तो किसी आई.ए.एस, आई.पी.एस. व पी.सी.एस. को किसी पद पर लगवा सकते हैं और न ही उसे हटवा सकते हैं, जिसके चलते उनकी सुनवाई नहीं हो रही। ऐसे हालातों में कैप्टन सरकार के 4 साल बीतने पर पंजाब कांग्रेस में बड़ी बगावत देखने को मिल सकती है। भाजपा इन तमाम हालातों पर नजरें बनाए हुए है। मौजूदा सियासी परिदृश्य में भाजपा को 50 के करीब ऐसे सिख चेहरों की जरूरत है, जिनकी अपने विधान सभा हलकों में पैठ है। ये चेहरे मिलने के बाद भाजपा अपने अगले कदम का ऐलान करेगी।

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