Edited By Urmila,Updated: 17 Aug, 2024 03:04 PM
पंजाब सरकार ने राज्य में रजिस्टर्ड होने वाले पर्यटक वाहनों पर टैक्स कम करने का फैसला किया है। यह फैसला पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में लिया है।
चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने राज्य में रजिस्टर्ड होने वाले पर्यटक वाहनों पर टैक्स कम करने का फैसला किया है। यह फैसला पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में लिया है। दरअसल, पंजाब के ट्रांसपोर्ट विभाग ने दिलराज सिंह संधेवालिया की देखरेख में एक कमेटी का गठन किया था, जिसमें डिप्टी कंट्रोलर आलोक प्रभाकर, राज्य ट्रांसपोर्ट अथारिटी पंजाब के सचिव रणप्रीत सिंह, रीजनल ट्रांसपोर्ट अफसर होशियारपुर रविंदर सिंह शामिल थे। टैक्सी यूनियन के साथ कई बैठकों के बाद ट्रांसपोर्ट विभाग ने वित्त विभाग के माध्यम से प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।
कैबिनेट ने रजिस्टर्ड पर्यटक वाहनों पर मोटर वाहन टैक्स कम कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक पंजाब का टैक्स पड़ोसी राज्यों में रजिस्टर्ड वाहनों के टैक्स से ज्यादा था। इसलिए पंजाब में पर्यटक वाहनों का रजिस्ट्रेशन बहुत कम था। इस कदम से सालाना 100 करोड़ रुपये का राजस्व बढ़ेगा और अधिक पर्यटक वाहनों का पंजीकरण होगा। टैक्सी यूनियन लंबे समय से पर्यटक वाहनों पर टैक्स कम करने की मांग कर रही थी जिसे अब सरकार ने मंजूरी दे दी है। जानकारी के मुताबिक पंजाब के टैक्स स्लैब में 13 सीट से ज्यादा वाले वाहनों से 7825 हजार रुपये प्रति वर्ष की दर से टैक्स वसूला जाता है, जो पंजाब सरकार के टैक्स कलेक्शन के घाटे का मुख्य कारण है।
यह टैक्स अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा है, जबकि चंडीगढ़ में प्रति सीट 200 रुपये प्रति वर्ष और हिमाचल में बस टैक्स 1000 रुपये प्रति सीट प्रति वर्ष है। अगस्त 2023 में एम.पी. ट्रांसपोर्ट विभाग ने टैक्स 700 रुपए प्रति सीट से घटाकर 200 रुपए प्रति सीट कर दिया है। पंजाब में कई वर्षों से 13 सीटों से अधिक वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन कम होती जा रही है, जिसका मुख्य कारण वाहन पर पंजाब का अधिक टैक्स है। अब सरकार ने रजिस्टर्ड होने वाले पर्यटक वाहनों पर टैक्स कम कर दिया है।
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