SGPC इजालस में बीबी जागीर कौर ने आवाज की बुलंद, कही ये बातें

Edited By Urmila,Updated: 26 Jun, 2023 03:47 PM

bibi jagir kaur raised her voice in sgpc s ijlas said these things

अमृतसर में आज एस.जी.पी.सी. के जनरल हाउस की मीटिंग हुई।  विधानसभा में पास किए गुरुद्वारा एक्ट बिल के खिलाफ इजलास बुलाया गया था।

अमृतसर: अमृतसर में आज एस.जी.पी.सी. के जनरल हाउस की मीटिंग हुई।  विधानसभा में पास किए गुरुद्वारा एक्ट बिल के खिलाफ इजलास बुलाया गया था। इजलास में जत्थेदार ज्ञानी रघबुरी सिंह और ज्ञान सुल्तान सिंह मौजूद, पूर्व प्रधान बीबी जागरी कौर और समूचे तौर आहुदेदार शामिल हैं। इस दौरान बीबी जागीर कौर पूर्व अध्यक्ष शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने आवाज बुलंद करते हुए कहा वह पंजाब सरकार द्वारा श्री हरमंदिर साहिब से गुरबाणी के मुफ्त प्रसारण के लिए पारित प्रस्ताव की कड़ी निंदा करती हूं। यह प्रस्ताव उन सभी साथी सदस्यों का है जिन्होंने शिरोमणि कमेटी के चेयरमैन पद के चुनाव में सैद्धांतिक तौर पर इस फैसले पर मुहर लगाई थी।

पंजाब सरकार द्वारा पारित प्रस्ताव को गुरु घरों के प्रबंधन में सीधे हस्तक्षेप के रूप में देखा जाना चाहिए। हम सभी सिख संप्रदायों से अपील करते हैं कि वे अपने -अपने मतभेदों के बावजूद इस प्रस्ताव का पुरजोर विरोध करें। यह प्रस्ताव पंथ के तिरस्कार का भी परिचायक है। इस प्रस्ताव का असल उद्देश्य डीप स्टेट का एक हथकंडा भी हो सकता है। जहां वह इस प्रस्ताव की कड़ी निंदा करती है वहीं पंथ के लिए यह स्थिति पैदा करने वालेऔर दुनिया में श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशको शिरोमणि कमेटी द्वारान मानने का संदेश सिख कौम की सर्वोच्च संस्था का मजाक उड़ाने वाले को भी कटहरें में खड़ा करती हूं।  

आज 26 जून है यानी 25 और 26 जून की मध्य रात को देश में आपातकाल लगाया गया था। उस समय शिरोमणि अकाली दल ने कांग्रेस की सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ झंडा बुलंद किया था। आज 26 जून है  2023। इन 48 वर्षों में  शिरोमणि अकाली दल में ऐसे कौन से बड़े बदलाव हुए हैं कि पंजाब सरकार द्वारा गुरुद्वारों के प्रबंधों पर किए हमले बारे  शिरोमणि अकाली दल की पूरी लीडरशिप ने चुप्पी साध रखी है।

वह सभी सदस्यों से अपने अंदर झांकने का आग्रह करती हूं कि यह मुद्दा केवल पी.टी.सी. के एकमात्र अधिकार को समाप्त करने का नहीं है। यह एक परिवार के हितों के लिए पंथक सोच पर सिद्धांत को नष्ट करने का है। जिस अकाली दल ने 1920 में शिरोमणि कमेटी बनाकर 1925 के एक्ट में सिख महिलाओं को वोट का अधिकार दिया था जबकि ब्रिटिश शासन में महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं मिला।

शिरोमणि कमेटी की रक्षा के लिए जिस शिरोमणि अकाली दल को स्थापित किया गया था उसने अपने एक सदी का सफर तय करते सिख जगत में सर्वोच्च संस्था शिरोमणि कमेटी के अकाल तख्त साहिब की प्रतिष्ठा को भारी नुकसान पहुंचाया परंतु वे चुपचाप बैठकर आदेश मानते रहे पर पंच प्रधानी का सिद्धांत को छोड़कर लिफाफा कल्चर को जन्म दे सिख संस्कृति को बड़ी चोट पहुंचाते रहे। शिरोमणि कमेटी में किसी भी रूप में सरकारी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गुरु घरों की सुरक्षा के लिए कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार हैं और वह व्यक्तिगत तौर पर इस पवित्र हाउस में  घोषणा करती हूं कि गुरु पंथ की विनम्र सेवदार होने के नाते वह हर तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार है क्योंकि अगर वह आज भी न बोले तो इतिहास उन्हें कोसेगा।  

पंजाब में उन्होंने घूम-घूम देखा है कि कैसे सिख अपनी संस्थाओं को नष्ट होने से बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जब वह उनके दर्द को महसूस करती हैं तो उन्हें कई-कई दिनों तक इस परेशानी के कारण नींद नहीं आती कि हम भटक गए हैं, जो हमें पंथ की चढ़दी कला की ओर नहीं बल्कि रसातल में ले जा रहा है। उन्होंने कहा बातें तो और भी हैं जो इस हाउस में करनी बनत हैं परंतु हमने बाबा नानक की सोच से मुंह मोड़ लिया है। आइए, फिर से गुरुओं की आशा वाला खालसा पंथ बनाएं  जो सभी लोगों को सरबत का होका देते हुए सारे विश्व को अपने आगोश में ले लें।

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