Edited By Mohit,Updated: 11 May, 2020 05:01 PM

एक तरफ जहां पिछले 40 दिनों से कोरोना महामारी के कारण लगे कर्फ्यू के दौरान................
बाघापुराना (मुनीश): एक तरफ जहां पिछले 40 दिनों से कोरोना महामारी के कारण लगे कर्फ्यू के दौरान बड़ी संख्या में समाज सेवी संस्थाएं, पुलिस प्रशासन और प्रशासनिक अधिकारी लोगों की सेवा में लगे हुए हैं और जरुरतमंदों को घर-घर जा कर राशन मुहैया करवा रहे हैं, वहीं निजी अस्पताल वाले डॉक्टरों के दिलों में रहम वाली कोई चीज नहीं है। आए दिन प्राइवेट डॉक्टर अपने कारनामों के कारण सुर्खियों में रहते हैं।
उक्त शब्द पत्रकारों से बातचीत के दौरान बलविंदर सिंह पुत्र जसमेल सिंह निवासी बाघापुराना ने कहे। उन्होंने कहा कि बीती शाम बर्तन साफ करके वक्त कांच का गिलास उसके हाथ पर लग गया जिस कारण उसकी अंगुली में खून बह रहा था और रात के करीब 9 बजे होने के कारण वह मुद्दकी रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचा। बलविंदर सिंह ने कहा कि अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने उसकी अंगुली पर पट्टी करने की बजाय, उसने अंगुली देखकर उससे 2500 रुपए की मांग करते हुए कहा कि अगर उसने अंगुली पर पट्टी करवानी है तो पहले पैसे जमा करवाए नहीं तो वह जा सकता है। फिर उसने घर फोन करके इसकी जानकारी दी और उसके पारिवारिक सदस्यों ने किसी तरह से 2500 रुपए इकट्ठे करके आए और फिर डॉक्टर ने उसका इलाज शुरु किया।
बलविंदर सिंह ने डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस मोगी और एस.डी.एम. बाघापुराना से मांग करते हुए कहा कि ऐसे बेदर्द निजी अस्पतालों के डॉक्टरों पर कार्रवाई होनी चाहिए तांकि कोई और डॉक्टर ऐसी हरकतें ना करें। उसने अस्पताल के डॉक्टर पर यह भी आरोप लगाया कि बिल मांगने पर उसने कहासुनी की, जिसके बाद विरोध करने पर ही उसे बिल दिया गया।