Edited By Kalash,Updated: 16 Feb, 2025 06:42 PM
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इस धरने के संबंध में प्रबंधकीय और प्रेस कमेटियों का गठन किया गया।
चंडीगढ़ : संयुक्त किसान मोर्चे में शामिल पंजाब की किसान जत्थेबंदियों की अहम मीटिंग किसान भवन में बूटा सिंह बुर्ज गिल, रुलदू सिंह मानसा और बूटा सिंह शादीपुर की अध्यक्षता में हुई। इस मौके पर केंद्र सरकार द्वारा कृषि मंडिकरण को लेकर लाई गई नई राष्ट्रीय कृषि नीति के मसौदे को रद्द करवाने सहित अन्य किसान मांगें पूरी करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चे द्वारा 5 मार्च से राज्य की राजधानी में लंबी मियाद के धरने देने के दिए आह्वान को लागू करने की व्यवस्था की गई।
इस मौके पर यह फैसला लिया गया कि 5 मार्च से पंजाब का संयुक्त किसान मोर्चा चंडीगढ़ में एक दीर्घकालिक धरना शुरू करने मांग करेगा कि पंजाब सरकार इस नए राष्ट्रीय कृषि नीति के मसौदे को विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने के साथ-साथ पंजाब के किसानों को बासमती, आलू, मक्की, मटर और गोभी आदि की एम.एस.पी. पर खरीद सुनिश्चित करें।
इस धरने के संबंध में प्रबंधकीय और प्रेस कमेटियों का गठन किया गया। उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार ने अब तक कॉरपोरेट घरानों का 15 लाख करोड़ के करीब का कर्ज माफ कर दिया है लेकिन किसानों व मजदूरों से मुंह मोड़ लिया है। इसी प्रकार , पंजाब सरकार द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा से 19 दिसंबर 2023 को की मीटिंग में सहकारी बैंकों में नाबार्ड से सलाह कर कमर्शियल बैंकों की तर्ज पर वन टाईम सैटलमेंट स्कीम लाने का किया वाया भी पूरा नहीं हुई। चंडीगढ़ प्रदर्शन के दौरान सरकार को मानी हुई मांगों को लागू करने के लिए कहा जाएगा।
इस मौके पर पंजाब और हरियाणा में भूजल पर केंद्रीय आयोग की हाल ही में आई रिपोर्ट में भारी और जहरीले तत्वों की बढ़ती मात्रा का उल्लेख किए जाने का गंभीर संज्ञान लेते हुए, कॉरपोरेट्स और उद्योगों द्वारा किए जा रहे जल प्रदूषण को रोकने के लिए प्रयासों को तेज करने की मांग की गई है, साथ ही हर खेत तक नहरी पानी और हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने की भी मांग की गई है।
प्रधानमंत्री के फिरोजपुर दौरे के सिलसिले में किसानों पर दर्ज मामले रद्द करने की मांग के साथ-साथ अखाड़ा, भूंदड़ी समेत राज्य भर में बायोगैस फैक्ट्रियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की गई। इस मौके पर अन्यों के अलावा बलबीर सिंह राजेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, हरिंदर सिंह लक्खोवाल, हरमीत सिंह कादियां, रमिंदर सिंह पटियाला, डॉ. सतनाम अजनाला, मनजीत सिंह धनेर, प्रेम सिंह भंगू, रूप बसंत सिंह, गुरमीत सिंह महिमा, वीर सिंह बड़वा, बिंदर सिंह गोलेवाला, अमरप्रीत सिंह, सुख गिल मोगा, चमकौर सिंह, हरबंस सिंह संघा, किरणजीत सिंह सेखों, बलविंदर सिंह मल्ली नंगल, गुरप्रीत सिंह, सुखमंदर सिंह, वरपाल सिंह, मुकेश चंदर, झंडा सिंह जेठूके, वीरपाल सिंह ढिल्लों व गुरनाम भीखी आदि उपस्थित थे।
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