Edited By Subhash Kapoor,Updated: 10 Apr, 2025 08:14 PM

असम की डिब्रूगढ़ जेल से बठिंडा सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किए गए 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के साथियों ने जेल प्रशासन के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इन बंदियों का आरोप है कि उन्हें न तो धार्मिक स्वतंत्रता दी जा रही है और न ही...
बठिंडा (विजय वर्मा) : असम की डिब्रूगढ़ जेल से बठिंडा सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किए गए 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के साथियों ने जेल प्रशासन के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इन बंदियों का आरोप है कि उन्हें न तो धार्मिक स्वतंत्रता दी जा रही है और न ही जेल नियमों के अनुरूप सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। भूख हड़ताल पर बैठे भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेका ने एक ऑडियो जारी कर दावा किया है कि उन्हें गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने तक की अनुमति नहीं दी जा रही। उन्होंने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन खुलेआम भेदभाव कर रहा है और उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है। बाजेका ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज से भी इस मुद्दे में हस्तक्षेप की अपील की है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक उन्हें गुरु घर में मत्था टेकने की अनुमति नहीं मिलती और उनकी अन्य मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे भूख हड़ताल जारी रखेंगे। बाजेका ने आरोप लगाया कि जेल के बाथरूम में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो निजता का गंभीर उल्लंघन है।
वहीं दूसरी तरफ बठिंडा सेंट्रल जेल के सुपरिटेंडेंट मनजीत सिंह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सभी बंदियों को जेल नियमों के तहत सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि भूख हड़ताल पर बैठे बंदियों की मांग है कि उन्हें आम कैदियों की तरह मुलाकात न करवाई जाए, बल्कि विशेष ड्योढ़ी में मुलाकात की अनुमति दी जाए, जो जेल नियमों के अंतर्गत संभव नहीं है। गौरतलब है कि एन.एस.ए. हटने के बाद कुलवंत सिंह राऊके, हरजीत सिंह चाचा, बसंत सिंह दौलतपुरा और भगवंत सिंह बाजेका को बठिंडा सेंट्रल जेल स्थानांतरित किया गया था।