Edited By Kamini,Updated: 11 Dec, 2025 06:20 PM

बच्चों के व्यवहार को लेकर एक हैरान करने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसने माता-पिता और शिक्षकों की चिंता बढ़ा दी है।
पंजाब डेस्क : बच्चों के व्यवहार को लेकर एक हैरान करने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसने माता-पिता और शिक्षकों की चिंता बढ़ा दी है। आजकल बच्चे पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पा रहे, जल्दी झगड़ पड़ते हैं, ज़िद्दी हो रहे हैं और बार-बार क्लास से बाहर जाने के बहाने बनाते हैं। मिठाई की जिद करना और छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ जाना जैसे मामले तेजी से बढ़े हैं। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, उनके पास आने वाले हर चौथे माता-पिता ऐसी ही शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। मनोवैज्ञानिक इन बच्चों को अक्सर ADHD (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर) की कैटेगरी में गिनते हैं, जिनमें ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और अत्यधिक सक्रियता देखी जाती है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार आने वाले 4 बच्चों में से एक बच्चा ऐसे लक्षण दिखा रहा है।
बच्चों में बढ़ते ADHD जैसे लक्षण
ऐसे बच्चे बेहद क्रिएटिव हो सकते हैं, बस उनकी ऊर्जा और ध्यान को सही दिशा में लगाने की जरूरत है। 7-14 साल तक के बच्चों में ये समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं-
- बार-बार बाथरूम जाने की जिद
- लंबे समय तक शांत न बैठ पाना
- पढ़ाते समय टीचर की बात बीच में काट देना
- अतिसक्रिय और जिद्दी होना

इन लक्षणों को अगर समय रहते नहीं पहचाना गया तो भविष्य में ऐसे बच्चे हिंसक व्यवहार भी दिखा सकते हैं। इसलिए उनके खान-पान, दिनचर्या और आदतों पर नजर रखना जरूरी है। बच्चों की नींद पूरी कराएं, स्क्रीन टाइम कम करें। अगर बच्चा ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता, चिड़चिड़ा है, कम सोता है या ज्यादा हिलता-डुलता है तो माता-पिता को तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए।
- इन कारणों से बच्चों में यह बदलाव बढ़ रहा है:
- अधिक मिठाई खाना।
- 8 घंटे से कम नींद लेना।
- स्क्रीन टाइम बढ़ना।
- आउटडोर खेलों से दूरी।
- प्रोसेस्ड फूड का ज्यादा सेवन।
- जेनेटिक कारण
क्या करें माता-पिता?
विशेषज्ञों की सलाह है कि बच्चों को 20–20 नियम अपनाने के लिए कहें। पहले बच्चों को 20 मिनट पढ़ाई करवाएं और फिर 20 मिनट किसी अन्य गतिविधि जैसे खेल, कला या आराम करवाएं। इससे बच्चों का ध्यान बंटता है और दिमाग को संतुलन मिलता है।
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