अमृतसर में 9 महीने में 198 लोग हुए लापता, मानव तस्करी से जुड़े हो सकते हैं तार!

Edited By Vaneet,Updated: 31 Oct, 2019 01:37 PM

198 people missing in 9 months in amritsar

2019 अभी बीतने को 2 महीने का वक्त बचा है। ऐसे में 2019 यानि 1 जनवरी से लेकर 30 सितम्बर तक अमृतसर शहर की बात करें....

अमृतसर: 2019 अभी बीतने को 2 महीने का वक्त बचा है। ऐसे में 2019 यानि 1 जनवरी से लेकर 30 सितम्बर तक अमृतसर शहर की बात करें तो 198 लोग रहस्यमय ढंग से लापता हो चुके हैं। लापता होने वालों में सबसे अधिक महिलाएं व लड़कियां हैं। खास बात है कि गायब होने वाली बेटियों में 45 दिन से लेकर 18 साल के बीच में सबसे ज्यादा है। बुर्जुगों की बात करे तो सबसे ज्यादा उम्र गायब होने वालों में 88 साल है। 

अमृतसर पुलिस कमिश्रर के दिए गए आंकड़ों पर नजर डाले तो साफ झलकता है कि बीते 9 महीने में 100 से ज्यादा महिलाएं व नाबालिग लड़कियां गायब हुई हैं। ऐसे में पुलिस ने अलग-अलग थानों में डी.डी.आर.दर्ज करके इस बारे में पुलिस कमिश्रर डा. सुखचैन सिंह गिल की अगुवाई में स्पेशल सैल का गठन किया गया है जो कि एक विंग की तरह गायब हुए लोगों के बारे में जानकारियां हासिल करेगा। पश्चिम बंगाल की रहने वाले परितोष हैदर की 45 दिन की बेटी राखी बीते 7 अगस्त को घर के बाहर (बाईपास मजीठा रोड, गंदा नाला) से रहस्यमढंग से गायब हो गई थी, अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। इसी तरह 88 साल के कर्म सिंह करीब 3 महीने से गायब हैं। कुछ ऐसी महिलाएं भी हैं जो अपनी बहन या बेटियों के साथ डी.डी.आर. में गुमशुदगी में दर्ज हैं। कुल मिलाकर शहर में ही नजर डाले तो 9 महीने में 198 का आंकड़ा बताता है कि रहस्यमढंग से गायब होने वालों की गिनती पिछले साल से बढ़ी है। 

हर महीने 20 से 22 लोग हो रहे हैं गुम 
शहर की बात करें तो हरेक महीने 20 से 22 लोग रहस्यमय ढंग से लापता हो रहे हैं। ऐसे लापता लोगों की डी.डी.आर. इलाके के थाने में काटी जाती है और उसके बाद में उसकी सारी डिटेल पुलिस कमिश्रर स्थित स्पेशल गुमशुदगी सैल को भेज दी जाती है। ऐसे में हरेक महीने शहर में 20 से 22 लोगों को रहस्यमय ढंग से गायब होने के पीछे कहानी क्या है यही जांच का विषय है। 

मानव तस्करी से भी जुड़ सकते हैं तार 
जिस तरह 45 दिनों की बच्ची या फिर 14 से 17 साल के बीच लड़कियों को बहला-फुसला कर गायब किया जा रहा है। ऐसे में इस गिरोह के पीछे मानव तस्करी से भी तार जुड़े हो सकते हैं। गायब होने वाले आंकड़ों पर नजर डाले तो सबसे अधिक गायब होने वाली ऐसी बेटियां हैं जो अभी बालिग नहीं हैं। ऐसे में समाज किस तरफ  जा रहा है और हमें क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए इसका ध्यान हम सभी को रखना बेहद अनिवार्य है। 

प्रेम प्रसंग व सोशल मीडिया भी जिम्मेदार 
नाबालिग लड़कियों की गायब होने की गिनती बीते 9 महीने में 40 से 50 के करीब है। ऐसे में इन लड़कियों के घर से गायब होने के पीछे कहीं न कहीं प्रेम प्रसंग या फिर छलावा जहां जिम्मेदार है, वहीं सोशल मीडिया के बढ़ते प्रचलन भी समाज को पतन के तरफ ले जा रहा है। ऐसे में समाज को बचाने के लिए जागरूकता अभियान हर स्कूल-कालेज में चलाना जरूरी है। 

गुमशुदा लोगों के लिए बनाया स्पैशल सैल : कमिश्नर
पुलिस कमिश्रर डा. सुखचैन सिंह गिल कहते हैं कि शहर में गुमशुदा लोगों के लिए स्पैशल सैल बनाया गया है। जहां ऐसे लोगों के बारे में जानकारियां इक_ी करके उसे बाकी शहर व राज्यों की पुलिस के पास भेजा जाता है। हरेक पुलिस स्टेशन पर इसका पूरा डाटा जहां हर रोज अपडेट होता है वहीं पंजाब पुलिस की अधिकारिक वेबसाइट पर सारी जानकारियां दी जाती हैं। रहस्यमय ढंग से गायब होने वाली महिलाओं को लेकर अलग-अलग कारण होते हैं। प्रेम प्रसंग, अपहरण या फिर मानव तस्करी जैसे कारण हो सकते हैं। हर ङ्क्षबदू पर जांच की जाती है। पुलिस का यही प्रयास है कि गुमशुदा लोगों की तलाश जल्द से जल्द करके उन्हें उनके अपनों से मिलाया जाए। 

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