भारत से अमेरिका भेजे गए आमों की 15 खेपें नष्ट, निर्यातकों को भारी नुकसान

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 18 May, 2025 07:40 PM

15 consignments of mangoes sent from india to america destroyed

दस्तावेजी गड़बड़ी और प्रशासनिक लापरवाही की वजह से भारत के आमों को अमेरिका में नष्ट किए जाने की सूचना है, जिसमें निर्यातकों को करोड़ों रुपए का नुक्सान उठाना पड़ा है।

पंजाब डैस्क : दस्तावेजी गड़बड़ी और प्रशासनिक लापरवाही की वजह से भारत के आमों को अमेरिका में नष्ट किए जाने की सूचना है, जिसमें निर्यातकों को करोड़ों रुपए का नुक्सान उठाना पड़ा है। बताया जा रहा है कि भारत से अमेरिका भेजे गए आमों की करीब 15 खेपों को अमेरिकी अधिकारियों ने खारिज कर दिया है, जिनकी कीमत करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। जानकारी अनुसार ये खेपें लॉस एंजेलेस, सैन फ्रांसिस्को और अटलांटा जैसे हवाई अड्डों पर रोकी गईं। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि आमों के कीटनाशक मुक्त करने की प्रक्रिया यानी किरणीकिरण से संबंधित दस्तावेजों में गड़बड़ी पाए जाने पर उक्त एक्शन लिया गया है। समस्या आमों में कीड़े होने की नहीं थी, बल्कि कीटमार प्रक्रिया के कागजों में अंतर की वजह से खेप को रोका गया। निर्यातकों का अनुमान है कि इन खेपों के नष्ट होने से उन्हें लगभग 5 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 4.1 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है।

एक निर्यातक ने कहा, “हमें उन गलतियों की सज़ा मिल रही है जो विकिरण केंद्र पर हुईं।” एक अन्य निर्यातक, जिसकी खेप 9 से 11 मई के बीच लॉस एंजेलिस हवाई अड्डे पर रोकी गई थी और बाद में नष्ट करने का आदेश मिला, ने बताया कि अमेरिकी अधिकारियों का दावा था कि खेप अनिवार्य विकिरण शर्तें पूरी नहीं कर पाई।

इसके बाद अमेरिका ने इन आमों को या तो वहीं नष्ट करने का फैसला लिया है, क्योंकि आम जल्दी खराब हो जाते हैं और उन्हें भारत भेजना महंगा साबित होता, इसलिए निर्यातकों ने सभी आम नष्ट करने का फैसला किया गया है। हालांकि इस पूरे मामले में गलती रेडिएशन सुविधा केंद्र की थी, लेकिन सज़ा निर्यातकों को मिली है। अगर प्रक्रिया सही ढंग से नहीं हुई होती, तो इतना भारी नुक्सान न झेलना पड़ता। 

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