Big Relief! इन मरीजों को अब हर महीने मिलेंगे 1000 रुपए

Edited By Kalash,Updated: 03 Feb, 2025 06:47 PM

1000 per month to patients in punjab

बीमारी को खत्म करने के लिए विशेष योजना के तहत काम अमल में लाया जा रहा है।

अमृतसर : टी.बी. की बीमारी से ग्रस्त मरीजों को अब हर माह कोर्स पूरा होने तक 1000 रुपए प्रति माह मिलेंगे। भारत सरकार ने मरीजों को दवा के साथ-साथ तंदरुस्त खुराक देने के मकसद से 500 रुपए की रकम बढ़ाकर महंगाई के अनुसार 1000 रुपए कर दिया है। अमृतसर जिले में करीब 5 हजार टी.बी. मरीजों को इस सरकारी योजना का लाभ मिलेगा।

जानकारी के अनुसार टी.बी. की बीमारी की रोकथाम के लिए भारत और पंजाब सरकार द्वारा विशेष प्रयास किया जा रहा है और इस बीमारी को खत्म करने के लिए विशेष योजना के तहत काम अमल में लाया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा 100 दिन की कंपेन चलाकर लोगों में से उक्त बीमारी के केस ढूंढने के लिए प्रयास किए जा रहे है।

अमृतसर जिले की बात करें तो यहां सरकारी व निजी संस्थानों में करीब 5000 के करीब टी.बी. मरीज़ दवा ले रहे हैं। यहां तक ​​कि हर महीने लगभग 600 से 700 नए टी.बी. के मरीज सामने आ रहे है। इससे पहले सरकार उक्त बीमारी से पीड़ित मरीजों को स्वस्थ भोजन उपलब्ध करवाने के लिए 500 रुपए प्रति माह देती थी। दवा का कोर्स 6 माह तक चलने तक मरीज को 6000 तक सरकार द्वारा उसके खाते में जमा करवाएं जाएंगे।

स्वास्थ्य विभाग पूरी तत्परता से कर रहा काम : डॉ. गोतवाल

जिला टी.बी. अधिकारी डा. विजय गोतवाल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग उक्त बीमारी की रोकथाम के लिए पूरी सतर्कता के साथ काम कर रहा है। जिले भर में विभाग की टीमें आम जनता तक पहुंच बनाकर उक्त बीमारी के संदिग्ध मरीजों की तलाश कर रही हैं। एक बार बीमारी की पुष्टि हो जाने पर सरकार द्वारा मरीज का 6 माह तक निःशुल्क इलाज किया जाता है। इसके अलावा, मरीज के खाते में डी.बी.टी. के 1000 रुपए प्रतिमाह अदा किया जाता है। उन्होंने बताया कि अमृतसर जिले में 3600 ऐसे मरीज हैं, जिनका दवा का कोर्स पूरा हो चुका है या चल रहा है। सरकार ने उनके खाते में 55 लाख रुपए की डी.बी.टी. की राशि जारी की गई है। सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में इस बीमारी का इलाज निःशुल्क किया जाता है।

इंडियन मैडीकल एसो. के डाक्टरों का टी.बी. की रोकथाम के लिए है बहुमूल्य योगदान

इंडियन मैडीकल एसोसिएशन के टी.बी. कार्यक्रम अधिकारी डा. नरेश चावला ने बताया कि टी.बी. की रोकथाम के लिए निजी डाक्टरों बहुमूल्य योगदान है। जिले में जो मरीज दवा ले रहे हैं, उनमें से अधिकांश मरीज निजी संस्थानों से दवा ले रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि जिस तरह भारत सरकार द्वारा कोर्स पूरो करने के लिए डाक्टरों को बकायदा इनसैंटिव दिया जाता है।

हर वर्ष 160 से अधिक मरीजों की टी.बी. की बीमारी से होती है मौत

सरकारी टी.बी. अस्पताल के पूर्व प्रमुख डा. नवीन पांधी ने कहा कि यह बीमारी बेहद खतरनाक है यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए तो इससे गंभीर बीमारी पैदा हो सकती हैं और मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में हर साल उक्त बीमारी से 160 से अधिक मरीजों की मौत हो जाती है।

जब ये लक्षण दिखें तो रहे सावधान

इंडियन मैडीकल एसोसिएशन के सदस्य डा. रजनीश शर्मा ने बताया कि वजन कम होना, भूख कम लगना, लार में खून आना और दो सप्ताह तक लगातार खांसी आना टी.बी. के लक्षण हैं। यदि किसी को भी ये लक्षण महसूस हों तो उन्हें तुरंत सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवानी चाहिए।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here 

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!