Punjab बनेगा ‘निरोग पंजाब’, केंद्र सरकार की इन योजनाओं से मरीजों को मिल रहा लाभ

Edited By Sunita sarangal,Updated: 13 Mar, 2025 05:47 PM

central health facilities in punjab

सुनहरी फसलों और जोशीले भांगड़े की धरती पंजाब अब एक नई कहानी लिख रहा है।

नई दिल्ली : सुनहरी फसलों और जोशीले भांगड़े की धरती पंजाब अब एक नई कहानी लिख रहा है। एक ऐसी कहानी जो कृषि की जड़ों और त्योहारों की रौनक से आगे बढ़ रही है। लहराते गेहूं के खेतों और ढोल की थाप से परे अब एक स्वास्थ्य क्रांति जन्म ले रही है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं और राज्य की दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर पंजाब एक ऐसे भविष्य की ओर बढ़ रहा है, जहां स्वास्थ्य कोई विशेषाधिकार नहीं बल्कि एक अधिकार होगा। यह कहानी है "निरोग पंजाब" की - एक वादा, जो धीरे-धीरे हकीकत बनता जा रहा है।

आयुष्मान भारत: निराशा से बचाने की ढाल

मोगा का किसान हो या लुधियाना का दुकानदार, कभी एक अस्पताल का बिल उनकी वित्तीय स्थिति को हिला सकता था। लेकिन अब आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY), जिसे पंजाब में सरबत सेहत बीमा योजना (SSBY) के नाम से जाना जाता है, ने इस स्थिति को बदल दिया है। 2019 में शुरू हुई इस योजना ने अब तक राज्य की 70% आबादी यानी 45.86 लाख परिवारों को शामिल किया है जो 5 लाख तक का वार्षिक मुफ्त इलाज प्रदान करती है।

बठिंडा से लेकर गुड़गांव तक, 450 से अधिक पैनल वाले अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध है। हालांकि जागरूकता की कमी और अस्पतालों पर अधिक बोझ जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं, फिर भी SSBY गरीबों के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो रही है। यह सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि लाखों परिवारों के लिए एक जीवनरेखा है।

PMSSY: स्वास्थ्य सुविधाओं की खाई को पाटना

प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) पंजाब के स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला रही है। AIIMS बठिंडा, जिसे 2014 में 925 करोड़ की लागत से मंज़ूरी मिली थी, 2021 में कार्यरत हो गया। आज यह अस्पताल पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के 50 लाख लोगों के लिए जीवनदायिनी बन चुका है। 2026 तक यह पूरी तरह से विकसित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बन जाएगा, जिससे मरीजों को चंडीगढ़ या दिल्ली जाने की जरूरत नहीं होगी।

अमृतसर और पटियाला के सरकारी मेडिकल कॉलेजों को 150 करोड़ की राशि से अपग्रेड किया जा रहा है, जिससे हर साल 300-400 नई MBBS सीटें जोड़ी जा रही हैं। यह विकास कैंसर, डायबिटीज और हृदय रोगों जैसी गंभीर बीमारियों के बढ़ते बोझ को कम करने में मदद करेगा। खासकर मालवा क्षेत्र, जिसे स्वास्थ्य सेवाओं में हमेशा पीछे रखा गया, वहां AIIMS बठिंडा एक नई उम्मीद बनकर उभरा है।

NHM: ग्रामीण पंजाब का अनसुना नायक

जहां आयुष्मान भारत और PMSSY सुर्खियां बटोरते हैं, वहीं नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) गांव-गांव में चुपचाप बदलाव ला रहा है। NHM के तहत उप-स्वास्थ्य केंद्र (Sub-Centers), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHCs), और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHCs) को मजबूत किया जा रहा है, जिससे मुफ्त इलाज, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल, डायग्नोस्टिक सेवाएं और आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (JSSK) के तहत मुफ्त डिलीवरी, सी-सेक्शन और नवजात शिशु देखभाल सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों में माताओं और बच्चों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही हैं। भले ही यह योजना ज्यादा चर्चा में न आए, लेकिन यह एक मजबूत और समावेशी स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ है।

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होमी भाभा कैंसर अस्पताल और रिसर्च सेंटर - मोहाली

पंजाब और आसपास के राज्यों में विश्व स्तरीय कैंसर इलाज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, प्रधानमंत्री ने 'होमी भाभा कैंसर अस्पताल और रिसर्च सेंटर' को नए चंडीगढ़ (मोहाली) में राष्ट्र को समर्पित किया। 660 करोड़ की लागत से टाटा मेमोरियल सेंटर द्वारा निर्मित यह 300 बिस्तरों वाला तृतीयक (Tertiary) देखभाल अस्पताल कैंसर के सभी प्रकार के इलाज, सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधाएं प्रदान करता है। यह संगरूर में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल के साथ मिलकर इस क्षेत्र में कैंसर इलाज का एक हब बनेगा।

आगे की राह: चुनौतियां और अवसर

70% पंजाब की आबादी SSBY के तहत बीमित, AIIMS बठिंडा में 925 करोड़ का निवेश और हर साल सैकड़ों नए डॉक्टरों की ट्रेनिंग, ये आंकड़े बताते हैं कि पंजाब में स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ रहा है। लेकिन अभी भी कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। PM-JAY के बारे में जागरूकता की कमी, ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की भारी कमी और AIIMS बठिंडा का पूर्ण रूप से विकसित होने में कुछ और सालों का समय लगेगा।

स्वस्थ पंजाब के लिए एक रूपरेखा

SSBY वित्तीय सुरक्षा देता है, PMSSY उन्नत चिकित्सा सुविधाएं लाता है और NHM ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करता है। ये तीनों मिलकर एक स्वस्थ पंजाब की रूपरेखा तैयार करते हैं। यह सिर्फ तात्कालिक समाधान की बात नहीं, बल्कि एक बुनियादी सुधार की जरूरत है। पंजाब के किसान, जो पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण और आर्थिक दबाव का सामना कर रहे हैं। साथ ही इसके शहरी नागरिक, जो जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे हैं, उन्हें स्थायी समाधान की आवश्यकता है।

"निरोग पंजाब" कोई काल्पनिक सपना नहीं, बल्कि एक लड़ाई है जो जीतने लायक है। यह हर किसान, हर मां, और हर बच्चे को वह स्वास्थ्य सेवा देने की लड़ाई है, जिसके वे हकदार हैं। यह एक ऐसे पंजाब का निर्माण करने की लड़ाई है, जो सिर्फ देश का पेट नहीं भरता, बल्कि अपने लोगों का भी पोषण करता है।

रास्ता लंबा है, चुनौतियां भी बहुत हैं, लेकिन पंजाब के अस्पतालों और क्लीनिकों में जो शांति से क्रांति चल रही है, वह इस बात का प्रमाण है कि जब इरादे मजबूत होते हैं, तो बदलाव संभव होता है। एक क्लीनिक, एक अस्पताल, एक जीवन एक समय में, पंजाब अपनी कहानी फिर से लिख रहा है और इस बार यह एक कहानी है आशा, स्वास्थ्य और दृढ़ता की।

 

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