Edited By Kalash,Updated: 02 May, 2024 12:13 PM
पी.डब्ल्यू.डी. विभाग में हुए स्कूलों को स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट जारी करने की फीस के घोटाले की रिपोर्ट एस.ई. द्वारा फिक्स की गई डेडलाइन खत्म होने के 3 दिन बाद भी फाइनल नहीं हुई है।
लुधियाना (हितेश): पी.डब्ल्यू.डी. विभाग में हुए स्कूलों को स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट जारी करने की फीस के घोटाले की रिपोर्ट एस.ई. द्वारा फिक्स की गई डेडलाइन खत्म होने के 3 दिन बाद भी फाइनल नहीं हुई है। यहां बताना उचित होगा कि पी.डब्ल्यू.डी. विभाग द्वारा स्कूलों को हर साल जो स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट जारी किए जाते हैं, उसके बदले में ली जाने वाली फीस कुछ मुलाजिमों द्वारा सरकारी खजाने में जमा करवाने की बजाय हजम कर ली गई है।
इस संबंध में पंजाब केसरी द्वारा खुलासा करने के बाद एस.ई.एच.एस. ढिल्लो द्वारा एक्सईएन रंजीत सिंह को 26 अप्रैल नोटिस जारी किया गया है। इसके मुताबिक मामले की जांच करके दो दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करने के लिए बोला गया था लेकिन यह डेडलाइन खत्म होने के 3 दिन बाद भी रिपोर्ट फाइनल नहीं हुई है और न ही अब तक किसी मुलाजिम के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसे लेकर एस.ई. ढील्लो व एक्सईएन रंजीत सिंह कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। इससे संकेत मिलते हैं कि घोटाले पर पर्दा डालने पर जोर दिया जा रहा है।
अब तक सामने आ चुका है 7 लाख का आंकड़ा
मिली जानकारी के मुताबिक इस घोटाले को अंजाम देने के लिए पी.डब्ल्यू.डी. विभाग के मुलाजिमों द्वारा स्कूलों से की गई फीस की वसूली के बदले में फर्जी रसीदें जारी की गई हैं। इसे लेकर क्रॉस चेकिंग करने की बजाय एस.डी.ओ. व एक्सईएन द्वारा स्कूलों को स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट जारी करने की मंजूरी दे दी गई। इसे लेकर चल रही जांच के शुरुआती दौर में गबन के पैसे का आंकड़ा 7 लाख बताया जा रहा है और उसे खजाने में जमा करवाकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है।
इस मामले की जांच के लिए एक्सईएन रंजीत सिंह द्वारा कमेटी का गठन किया गया है जिसके द्वारा रिकॉर्ड चेक किया जा रहा है कि पिछले समय के दौरान कितने स्कूलों को स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट जारी किए गए और उसके लिए कितनी फीस जमा की गई। इसके आधार पर रिपोर्ट फाइनल करके अगली कार्रवाई के लिए आला अधिकारियों को भेजी जाएगी - राजेश कुमार, अकाउंट ऑफिसर
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