Edited By Kalash,Updated: 04 May, 2024 10:38 AM
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में ई.टी.टी. शिक्षकों के 5994 पदों पर की जा रही भर्ती पर लगी रोक हटा दी है।
चंडीगढ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में ई.टी.टी. शिक्षकों के 5994 पदों पर की जा रही भर्ती पर लगी रोक हटा दी है। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को भर्ती आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने पंजाबी भाषा की परीक्षा को रद्द करते हुए सवाल उठाए कि इस परीक्षा पंजाब व पंजाबियत क्यों शामिल की गई ? हाईकोर्ट ने 3 माह में पंजाबी की परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया है जोकि सभी उम्मीदवारों को देनी होगी।
परविंद्र सिंह व अन्य ने एडवोकेट विकास चतरथ के माध्यम से याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट को बताया कि पंजाब सरकार ने 12 अक्तूबर 2022 को ई.टी.टी. के 5994 पद के लिए विज्ञापन जारी किया था। विज्ञापन में योग्यता मानकों को पूरा करने के चलते याचिकाकर्ताओं ने भी इसके लिए आवेदन किया था। 28 अक्तूबर 2022 को पंजाब सरकार ने पंजाब सिविल सर्विस नियम को अधिसूचित किया था। इसके तहत पंजाबी की अतिरिक्त परीक्षा को ग्रुप सी की सभी सरकारी नौकरियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया था। अधिसूचना में आरक्षित वर्ग को कोई छूट नहीं दी गई।
इसके बाद 1 दिसम्बर 2022 को एक शुद्धि पत्र जारी किया जिसके तहत 12 अक्तूबर को ई.टी.टी. के 5994 पद भरने के लिए जारी विज्ञापन पर भी इसे लागू कर दिया गया। याची ने कहा कि इस प्रकार अधिसूचना को चल रही भर्ती प्रक्रिया में लागू करना पूरी तरह से गलत है। ऐसे में इस शुद्धि पत्र को रद्द करने का आदेश दिया जाए और साथ ही भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। हाईकोर्ट ने कहा था कि इस याचिका में भर्ती को चुनौती देने का सबसे प्रमुख आधार विज्ञापन जारी होने के बाद भर्ती की प्रक्रिया में परिवर्तन है।
इस संशोधन से कुछ लोग जो पहले पात्र थे वह बाद में अपात्र हो गए और वहीं ऐसे भी लोग हैं जो योग्य होने के बावजूद आवेदन नहीं कर सके। फिलहाल यह भर्ती अंतिम दौर में है और चयनित आवेदकों की नियुक्ति होना अभी बाकी है। हाई कोर्ट ने इस मामले में पंजाबी की परीक्षा की अनिवार्यता को समाप्त करने से इंकार कर दिया है लेकिन इस परीक्षा को नए सिरे से आयोजित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि पंजाबी विषय परीक्षा उसी तरह से आयोजित की जानी चाहिए थी जिस तरह किसी भाषा की होती है। इसमें पंजाब और पंजाबियत से संबंधित प्रश्न शामिल न हों।
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