PGI चंडीगढ़ आने वाले मरीजों के लिए अहम खबर, अब नहीं होगी कोई परेशानी

Edited By Vatika,Updated: 22 Apr, 2024 12:18 PM

important news for patients coming to pgi chandigarh

फीस जमा करवाने के बाद जब तक मरीज टैस्ट के लिए जाता है, तो ब्लड कलैक्शन सेंटर बंद हो जाता है।

चंडीगढ़: सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो जल्द पी.जी.आई. में मरीजों को बड़ी राहत मिलने वाली है। पी.जी.आई., न्यू ओ.पी.डी. में आने वाले मरीजों के लिए टैस्टिंग की सुविधा को 24 घंटे करने की तैयारी में है। ओ.पी. डी. में आने मरीजों की संख्या में कई सालों में बड़ा इजाफा हुआ है। सुबह लाइन में लगकर मरीज डॉक्टर के पास पहुंचता है। वहां चैकअप के बाद डॉक्टर टैस्ट लिखता है। फीस जमा करवाने के बाद जब तक मरीज टैस्ट के लिए जाता है, तो ब्लड कलैक्शन सेंटर बंद हो जाता है।

पी.जी.आई. में आने वाले मरीजों में बड़ा तबका दूरदराज से आता है। ऐसे में उन्हें दोबारा अगले दिन टैस्ट के लिए आना पड़ता है या फिर पी.जी.आई. में ही रुकना - पड़ता है। ऐसे में यह नई सुविधा मरीजों का  वक्त बचाने का बड़ा काम करेगी। पी.जी. आई. डॉक्टर कुछ टैस्ट को संस्थान से ही करवाने पर जोर देते हैं। इसके चलते जो मरीज बाहर से टैस्ट करवाना चाहते हैं, वह नहीं करवा पाते। न्यू ओ. पी. डी. में मौजूद ब्लड कलैक्शन सेंटर में सुबह 8 से 11 बजे तक सैंपल लिए जाते हैं। मरीज ज्यादा हो तो कई बार 12 बजे तक भी सेंटर खुला रहता है। ओ.पी.डी. में रोजाना मरीजों की संख्या 10 हजार तक रहती है, जिन मरीजों का नंबर सुबह आ जाता है, वह सैंपल वक्त पर दे देते हैं, लेकिन कई विभागों की ओ.पी.डी. 4 या 5 बजे तक रहती है। ऐसे में वह मरीज न टैस्ट की फीस और न ही सैंपल दे पाते हैं। अगले दिन फीस देने के बाद ही सैंपल दे पाते हैं। रूटीन के टैस्ट में बायोकैमिस्ट्री, हैमेटोलॉजी, रेडियोलॉजी समेत ब्लड के दूसरे टैस्ट शामिल रहते हैं, जिनकी रिपोर्ट एक दिन में मिल जाती है, जो ऑनलाइन भी पी.जी. आई. दे रहा है। इम्यूनोलॉजी विभाग के टैस्ट, कैंसर मार्कर के टैस्ट और बायपोसी की रिपोर्ट को आने में 5 से 7 दिन लग जाते हैं। पी. जी. आई. डायरैक्टर कई मौके पर कहते आए हैं कि उनका फोकस ज्यादा से ज्यादा पेशेंट फ्रेंडली सुविधाएं बढ़ाने पर है, ताकि मरीजों को फायदा हो। साथ ही अस्पताल में थोड़ा रश कम हो।

निजी कंपनी की ली जाएगी मदद
पी.जी.आई. में बढ़ता रश बड़ी दिक्कत बना हुआ है। टैस्टिंग 24 घंटे शुरू होती है तो बढ़ती भीड़ पर भी असर देखने को मिलेगा। मरीज का वक्त और आने जाने का खर्च बचेगा। उसे टैस्ट के लिए बार-बार चक्क रन हीं काटने पड़ेंगे। पी.जी. आई. प्रशासन का इन दिनों ऐसे सुविधाएं शुरू करने पर ज्यादा फोकस कर रहा है, जिससे भीड़ कम हो सके। एम्स दिल्ली में 24 घंटे टैस्टिंग की सुविधा है। योजना के मुताबिक निजी कंपनी को जिम्मा सौंपा जा सकता है, जिनके रेट पी.जी.आई. की तर्ज पर ही तय होंगे। कैम्पस में ही जगह दी जाएगी, जहां ओ.पी.डी. के बाद भी टैस्ट करवा वापस घर जा सकेंगे। उसे अगले दिन आने की नौबत नहीं पड़ेगी। अभी सैंटर में 1500 से 2000 तक के सैंपल सेंटर में आते हैं, जिसमें एक मरीज को अलग-अलग कई तरह के टैस्ट लिखे होते हैं। वहीं, एमरजेंसी की बात करें तो 24 घंटे टैस्टिंग की सुविधा रहती है।

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