Edited By Kalash,Updated: 29 Oct, 2024 06:13 PM
वांग्मय क्षितिज एक साहित्यिक उपवन रजि. पंजाब का तृतीय वार्षिकोत्सव पेंशनर भवन मिनी सेक्ट्रिएट लुधियाना में 27/10/24 को संपन्न हुआ।
लुधियानाः वांग्मय क्षितिज एक साहित्यिक उपवन रजि. पंजाब का तृतीय वार्षिकोत्सव पेंशनर भवन मिनी सेक्ट्रिएट लुधियाना में 27/10/24 को संपन्न हुआ। इस अवसर पर संस्था की संस्थापिका डॉ विभा कुमरिया शर्मा ने कार्यकारिणी समिति के सदस्यगण एवं तीन जिलों में स्थापित वांग्मय क्षितिज एक साहित्यिक उपवन की इकाइयों के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों के साथ सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों एवं रचनाकारों का अभिनंदन स्वागत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ .संजीव शर्मा जिला भाषा अधिकारी लुधियाना, तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. नीलम सेठी पूर्व प्राचार्या एस .डी महिला महाविद्यालय, गुरदासपुर, सीनियर सॉफ्ट स्किल ट्रेनर जी.एन.ए. यूनिवर्सिटी फगवाड़ा, जालंधर इकाई की अध्यक्षा डॉ .तनुजा तनु, उपाध्यक्षा डॉ.ज्योति गोगिया, बनारस की अंबेडकरनगर इकाई के अध्यक्ष डॉ फूलचंद विश्वकर्मा, अबोहर इकाई की अध्यक्षा हरमीत मीत के साथ वनीता कटारिया कार्यक्रम के विशिष्ट आकर्षण थे।
कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्वलन से हुआ तत्पश्चात संस्थापिका डॉ विभा कुमरिया शर्मा के द्वारा विधिवत ढंग से मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि के परिचय के साथ कार्यक्रम की रूपरेखा बताकर हुआ। मंच संचालन का कुशल कार्यभार किरनजीत कौर ( वांग्मय क्षितिज सदस्या )के द्वारा संभाला गया। इस अवसर पर वांग्मय क्षितिज के सदस्यों के द्वारा लिखी गई छह पुस्तकों का लोकार्पण हुआ। इनमें साझा संकलन के रूप में मन - पल्लव का प्रकाशन संस्था के द्वारा बाल रचनाकारों की रचनाओं के माध्यम से हुआ। वांग्मय क्षितिज संस्था बाल, युवा और प्रौढ़ तीनों अवस्थाओं के रचनाकारों का समुदाय है। बाल रचनाकारों की कल्पना स्वरचित रचनाएं मन पल्लव का मुख्य आकर्षण था। इस अवसर पर डॉ .फूलचंद विश्वकर्मा की पुस्तक राम दोहावली, डॉ.सुमन बाला डडवाल की दो पुस्तकें ऊंचे कद दे बौने, नन्हें क़दम मंज़िल की ओर, डॉ विभा कुमरिया शर्मा की दो रचनाएं विधवा तन सती मन, खूंटी पर टंगा, काव्य संग्रह का लोकार्पण हुआ। बाल रचनाकारों के साथ उनके अभिभावक गण भी आमंत्रित किए गए थे। इस अवसर पर पूनम मेहंदीरत्ता, मनीषा सारस्वत, श्रद्धा शुक्ला, अमृता कौर, नीरज अरोड़ा, कल्पना तिवारी, आदि स्थानीय रचनाकारों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। अभिभावकों और संरक्षकों के साथ आमंत्रित बाल एवं युवा रचनाकार-स्पर्श अरोड़ा, सुरम्या, सात्विक, सिद्धि तिवारी, हरमीत मीत अपने अभिभावकों और संरक्षकों के साथ उपस्थित थे।
लोकार्पण के लिए लाई गई पुस्तकों की समीक्षा (डॉ.सुमन बाला डडवाल- खूंटी पर टंगा ,पूनम मेहंदीरत्ता- मनपल्लव, किरनजीत कौर -ऊंचे कद दे बौने, डॉ.फूलचंद विश्वकर्मा -नन्हे कदम मंजिल की ओर, डॉ.क्षमा लाल गुप्ता- राम दोहावली, प्राची सचदेव -विधवा तन - सती मन द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि श्री संजीव शर्मा (जिला भाषा अधिकारी प्रमुख, लुधियाना) जी ने वांग्मय क्षितिज संस्था की भूरि- भूरि प्रशंसा की और कहां कि साहित्य के क्षेत्र में कुल तीन वर्षों में इतनी प्रगति काबिले तारीफ है। यह संस्था बिना किसी आर्थिक सहायता के अपने ही बलबूते पर जिस तरह साहित्य के संवर्धन में लगी है इसकी जितनी तारीफ की जाए कम है । मुझे विश्वास है कि यह संगठन जिस तरह से अपनी शाखाओं और इकाइयों को बढ़ाकर पंख फैला रहा है एक न एक दिन साहित्य जगत में अपनी पहचान का प्रबल दावेदार होगा।
विशिष्ट अतिथि जो कि स्वयं भी वांग्मय क्षितिज की सदस्या हैं उन्होंने संस्था के हर एक प्रयास तथा उनके अभूतपूर्व उपलब्धियों के लिए संस्थापिका के साथ-साथ कार्यकारिणी और समस्त साहित्यिक परिवार को बधाई दी। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि एक साथ, एक ही समय पर, एक ही मंच से, छह किताबों का लोकार्पण साहित्य जगत में एक विशिष्ट उपलब्धि है। वांग्मय क्षितिज परिवार को आशीर्वाद देते हुए उन्होंने अपने शब्दों को विराम दिया। वांग्मय क्षितिज संस्था के द्वारा सभी आमंत्रित अतिथियों को स्मृति प्रतीक चिन्ह तथा शॉल देकर आभार प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के बाद भोजन व्यवस्था थी। जिसका सभी ने आनंद लिया और एक साहित्यिक गोष्ठी के साथ वांग्मय क्षितिज एक साहित्यिक उपवन का वार्षिक उत्सव संपन्न हुआ।
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