Edited By Bhupinder Ratta,Updated: 29 Apr, 2019 09:15 AM
बांझपन के इलाज की आधुनिक तकनीकों संबंधी डाक्टर्स को जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से इंडियन फर्टीलिटी सोसायटी (आई.एफ.एस.) पंजाब चैप्टर द्वारा आयोजित 2 दिवसीय वार्षिक कांफ्रैंस रविवार को सम्पन्न हो गई।
जालंधर(रत्ता): बांझपन के इलाज की आधुनिक तकनीकों संबंधी डाक्टर्स को जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से इंडियन फर्टीलिटी सोसायटी (आई.एफ.एस.) पंजाब चैप्टर द्वारा आयोजित 2 दिवसीय वार्षिक कांफ्रैंस रविवार को सम्पन्न हो गई। स्थानीय होटल में हुई इस कांफ्रैंस के दूसरे दिन सुबह मुख्यातिथि एवं आई.एफ.एस. के महासचिव डा. पंकज तलवाड़, आई.एफ.एस. पंजाब चैप्टर की सचिव डा. हरिंद्र कौर ओबराय, पी.एम.सी. मैम्बर डा. जैसमीन दहिया व अन्य गण्यमान्यों ने ज्योति प्रज्वलित करकांफ्रैंस का शुभारंभ किया। सचिव डा. हरिंद्र कौर ओबराय ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसी कांफ्रैंस का उद्देश्य डाक्टर्ज को अपडेट करना होता है व मुश्किल केसों बारे आपस में विचार-विमर्श करना होता है।
मुख्यातिथि डा. पंकज तलवाड़ ने आई.एफ.एस.की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए उसकी कार्यप्रणाली के बारे में भी बताया। बांझपन संबंधी बात करते हुए उन्होंने कहा कि संतान न होने के कारण केवल महिलाओं को ही नहीं बल्कि उनके पारिवारिक सदस्यों को भी समाज की बातें सुननी पड़ती हैं और इसके लिए आज भी कसूरवार सिर्फ महिला को ही माना जाता है।
डा. तलवाड़ ने कहा कि शादी के बाद अगर इच्छा के बावजूद महिला को गर्भ न ठहरे तो नुक्स सिर्फ महिलाओं में ही नहीं बल्कि पुरुष में भी हो सकता है, इसलिए संतान सुख पाने के लिए पति-पत्नी दोनों को अपनी डाक्टरी जांच करवानी चाहिए। उन्होंने बताया कि बांझपन के इलाज हेतु चिकित्सा के क्षेत्र में कई अति आधुनिक तकनीकें उपलब्ध हैं।इसके उपरांत डा. सोनिया मलिक, डा. उमेश जिंदल, डा. नीना मल्होत्रा सहित अन्य कई वक्ताओं ने अलग-अलग विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। अंत में सभी वक्ताओं को सम्मानित किया गया।