Edited By swetha,Updated: 26 Feb, 2020 11:17 AM

ट्रैवल एजैंटों की बड़ी संस्था एकोस पर एक बार फिर से काले बादल मंडराने लगे हैं। उक्त संस्था में गुटबाजी इस कद्र हावी हो चुकी कि किसी भी समय एकोस के मुकाबले एक नई संस्था उभर कर सामने आ सकती है।
जालंधर(बुलंद): ट्रैवल एजैंटों की बड़ी संस्था एकोस पर एक बार फिर से काले बादल मंडराने लगे हैं। उक्त संस्था में गुटबाजी इस कद्र हावी हो चुकी कि किसी भी समय एकोस के मुकाबले एक नई संस्था उभर कर सामने आ सकती है।इस मामले में आज एकोस के 4 फाऊंडर मैंबरों सहित कई अन्य ने एक प्रैस कांफ्रैंस कर मौजूदा प्रधान व अन्य एग्जैक्टिव सदस्यों पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए कहा कि मौजूदा इकाई न तो चुनाव करवाना चाहती और न ही संविधान बनाकर संगठन को एक सुचारू तरीके से चलने देती है। इसी मनमानी के चलते एकोस दोफाड़ हो गई है। इस प्रैस कांफ्रैंस के दौरान विकास जलोटा, राकेश पराशर, नरपत सिंह, अमरजीत सिंह व मुनीष शर्मा आदि भी मौजूद रहे।
फाऊंडर सदस्यों सुकांत त्रिवेदी ने कहा कि मौजूदा एकोस टीम चाहती है कि एकोस उनकी मर्जी से चले, यह सही नहीं है। जिस प्रकार से गत दिनों एकोस के 2 एग्जीक्यूटिव सदस्यों को सिर्फ इस लिए संगठन से बाहर कर दिया गया कि वे चुनाव की मांग कर रहे थे, जोकि सरासर गलत है। अगर मौजूदा काबिज टीम ने तुरंत चुनाव की तारीख फाइनल न की और संविधान में सबकी सहमति से शर्तें ना डालीं तो वह अदालत जाने से भी नहीं झिझकेंगे। एकोस को एकजुट होना चाहिए।
एकोस से निकाले गए फाऊंडर मैंबर हरदीप सिंह व गुलशन ढींगरा ने कहा कि पिछले 2 चरणों में हरदीप लगातार एकोस के प्रधान रहे और जिस प्रकार वाटर हार्वैस्टिंग व प्लांटेशन के काम एकोस ने किए और शायद मौजूदा इकाई को वह हजम नहीं हुआ, इसी लिए बिना कोई कारण बताओ नोटिस के हमें एकोस से बाहर किया गया है। अब इस प्रकार की धक्केशाही बर्दाश्त नहीं होगी। गुलशन ने कहा कि वो एकोस व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन थे, पर उन्हें बिना विश्वास में लिए एडमिन बदला गया और फिर व्हाट्सएप ग्रुप को भी बंद करके साबित किया कि कोई अपने विचार भी ना रख सके।एक अन्य फाऊंडर मैंबर लविश कालिया ने कहा कि उन्हें फाऊंडर मैंबर होने के बाद भी न तो किसी बैठक में बुलाया जा रहा है। वहीं संदीप मक्कड़ ने कहा कि सही लोग संस्था से नहीं जुड़ सकें। इसी कारण उनकी सदस्यता पर सवाल खड़े करके उन्हें एकोस से दूर रखा गया है।
कपूरथला में बनी नई संस्था के कारण बढ़ी गुटबाजी
एकोस सदस्यों ने बताया कि असल में बात तब ज्यादा बढ़ गई जब एकोस के कपूरथला के कन्वीनर ने एक लोकर एसोसिएशन बनाकर काम करना शुरू कर दिया। जब इसका विरोध गुलशन व हरदीप ने किया तो बजाय कपूरथला के सदस्य पर कार्रवाई होती, उल्टा इन दोनों सदस्यों पर कार्रवाई कर दी गई, जिसके बाद गुटबाजी बढ़ चुकी है।
किसी हाल में अनुशासन हीनता बर्दाश्त नहीं होगी : जसपाल सिंह
सारे मामले बारे एकोस के मौजूदा प्रधान जसपाल सिंह ने कहा कि जो लोग एकोस के नाम पर हो-हल्ला मचा रहे हैं, सब गलती कर रहे हैं। किसी हाल में एकोस में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी। जो लोग चाहते हैं कि एकोस को अपनी निजी मशहूरी के लिए इस्तेमाल करें, वे ऐसा नहीं कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि एकोस का अपना संविधान है और सभी सदस्य निर्धारित नियमों के तहत चुने गए हैं।