Edited By Vatika,Updated: 18 Sep, 2019 10:40 AM
जनसंख्या बढऩे के साथ-साथ शहर की ट्रैफिक समस्या खतरनाक हद से बढ़ रही है। शहर का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं जहां सड़कों के किनारे गाडिय़ों की पार्किंग आपको दिखाई न दे।
जालंधर(खुराना): जनसंख्या बढऩे के साथ-साथ शहर की ट्रैफिक समस्या खतरनाक हद से बढ़ रही है। शहर का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं जहां सड़कों के किनारे गाडिय़ों की पार्किंग आपको दिखाई न दे। शहर में हजारों की संख्या में कमर्शियल बिल्डिंगें हैं जिनमें बड़े-बड़े मॉल्स, कार्पोरेट आफिस, शोरूम, अस्पताल, होटल या अन्य संस्थान चल रहे हैं, परंतु चंद बिल्डिंगें ही ऐसी होंगी, जिन्होंने अपनी पार्किंग का पूरा प्रबंध अपनी ही बिल्डिंगों में कर रखा हो।
नियमानुसार किसी भी बिल्डिंग को बनाते समय सम्भावित पार्किंग का एरिया खाली छोडऩा पड़ता है और उस एरिया में कोई निर्माण नहीं हो सकता तथा कोई अन्य गतिविधि नहीं चलाई जा सकती, परंतु शहर में हजारों ऐसी बिल्डिंगें हैं जिन्होंने यह नियम तोड़ रखा है और सरेआम पार्किंग वाले स्थानों पर शोरूम, आफिस, गोदाम या अन्य कारोबार धड़ल्ले से चल रहे हैं।कई साल पहले नगर निगम ने पार्किंग वाले स्थानों पर चल रहे शोरूमों के विरुद्ध जबरदस्त अभियान छेड़ा था और कई जगह डिच चलाई थी, जिसके बाद ज्यादातर बिल्डिंगों की बेसमैंट इत्यादि खाली हो गई थी और शटर उतार लिए गए थे, परंतु बाद में निगम की ढील के चलते दोबारा वही हालात बन गए हैं। हजारों की संख्या में बनी नई कमर्शियल बिल्डिंगों की बेसमैंट में सरेआम रैस्टोरैंट, आफिस या शोरूम इत्यादि चल रहे हैं।
शहर में पार्किंग की बिगड़ रही व्यवस्था के दृष्टिगत नगर निगम की नई एडीशनल कमिश्रर बबीता कलेर ने आज संबंधित विभागों के अधिकारियों से एक बैठक की। इस दौरान निर्देश दिए गए कि जिन बिल्डिंगों ने पार्किंग वाले स्थान पर कारोबार शुरू कर रखे हैं उनकी रिपोर्ट दी जाए। एडीशनल कमिश्रर के निर्देशों पर तहबाजारी सुपरिंटैंडैंट मनदीप सिंह ने मॉडल टाऊन से सर्वे का काम शुरू कर दिया है। आज निगम की टीम ने निक बेकर से नो-एग्जिट की ओर जाती सड़क के दोनों ओर पड़ती बिल्डिंगों का सर्वे शुरू किया। इस टीम ने कमर्शियल बिल्डिंगों द्वारा नक्शे में दिखाई गई पार्किंग और उस स्थान पर चल रहे कारोबार की रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है, जिसे जल्द ही निगमाधिकारियों को सौंप दिया जाएगा। इसके बाद इन बिल्डिंगों पर क्या एक्शन लिया जाता है, यह समय ही बताएगा।
हाईकोर्ट में भी है मामला
आर.टी.आई. एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह ने शहर की 350 के करीब अवैध बिल्डिंगों के बारे में जो पटीशन पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में डाल रखी है, उसमें ज्यादातर बिल्डिंगों द्वारा की गई पार्किंग एरिया की वायलेशन को मुद्दा बनाया गया है। हाईकोर्ट इस मामले में काफी गम्भीर दिख रहा है, अगर हाईकोर्ट की ओर से कोई आदेश आते हैं तो निगम को इस मामले में कार्रवाई करनी ही होगी।
पार्किंग एरिया से आता है मोटा किराया
कानूनन हर कमर्शियल बिल्डिंग को अपनी बेसमैंट या अपने सामने पार्किंग हेतु काफी जगह छोडऩी जरूरी होती है, परंतु चूंकि पॉश क्षेत्रों में जमीन के रेट काफी बढ़ चुके हैं इसलिए बिल्डिंग मालिक लालच में आकर वहां भी निर्माण कर लेते हैं। जिन बिल्डिंगों के आगे पार्किंग होनी होती है, वहां खाने-पीने के स्टॉल, खोखे या अन्य कारोबार शुरू कर दिए जाते हैं और ऐसे में मोटा किराया पार्किंग वाले स्थानों से वसूला जाता है। इसी कारण ऐसी बिल्डिंगों के आगे सड़क पर गाडिय़ां खड़ी रहती हैं और पार्किंग के लिए कोई स्थान नहीं बचता। मॉडल टाऊन की बात करें तो प्रकाश नगर रोड, रेनबो रोड, कल्याण ज्यूलर रोड इत्यादि सभी सड़कें इस समय पार्किंग की समस्या से जूझ रही हैं। इन तीनों सड़कों पर सैंकड़ों ऐसी बिल्डिंगें हैं जिन्होंने अपने पार्किंग स्थल को कमाई का साधन बना रखा है। अब देखना है कि निगम का अभियान कुछ रंग लाता है या राजनीतिज्ञों के दबाव में आकर इसे ठप्प कर दिया जाता है।