जालंधर में ये दवाइयां बन रही खतरनाक जहर! लोग दें ध्यान

Edited By Urmila,Updated: 14 Jul, 2025 02:50 PM

these medicines are becoming dangerous poison in jalandhar

घरों में पड़ी एक्सपायरी या अधूरी दवाइयां अक्सर लोग कचरे में फेंक देते हैं, जो इंसानों, जानवरों और पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बन सकती हैं।

जालंधर (कशिश): घरों में पड़ी एक्सपायरी या अधूरी दवाइयां अक्सर लोग कचरे में फेंक देते हैं, जो इंसानों, जानवरों और पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बन सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार एक्सपायरी दवाइयां समय के साथ जहरीले केमिकल में बदल सकती हैं, जिनका शरीर पर घातक असर हो सकता है।

जालंधर नगर निगम में अभी तक ऐसी दवाइयों को इकट्ठा करने के लिए ‘मेडिसिन ड्रॉप बॉक्स’ जैसी कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है। कुछ शहरों में ऐसी पहल जरूर हुई है, लेकिन जालंधर में यह सुविधा अब तक नहीं पहुंच पाई है। इसके चलते लोग मजबूरी में या अनजाने में दवाइयों को सीधे कचरे में फेंक देते हैं या नालियों में बहा देते हैं, जो पूरी तरह गलत तरीका है।

क्या हो सकता है खतरा?

शहर के अलग-अलग हिस्सों में कचरे के ढेर से उठी दवाइयां इंसानों या आवारा मवेशियों के जरिए खा लिए जाने पर जानलेवा साबित हो सकती हैं। साथ ही, इससे मिट्टी और पानी भी प्रदूषित होता है। जालंधर जैसे बड़े शहर में भी लगभग 80% लोग नहीं जानते कि दवाओं का सुरक्षित निस्तारण कैसे किया जाए।

हर साल लाखों दवाइयां हो जाती हैं बर्बाद

एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल लगभग 25% दवाइयां बिना उपयोग के फेंक दी जाती हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में एक्सपायरी हो चुकी होती हैं। अस्पतालों, फार्मेसियों और दवा कंपनियों के लिए सरकार ने बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियम बनाए हैं, लेकिन घरों से निकलने वाली दवाइयों के लिए अब तक कोई स्पष्ट नीति नहीं बनी है।

जागरूकता की ज़रूरत

विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक शहर में ‘मेडिसिन ड्रॉप बॉक्स’ जैसी व्यवस्था लागू नहीं होती, तब तक आम लोगों को जागरूक करना ज़रूरी है। मोहल्ला समितियों, स्कूलों और सामाजिक संगठनों के ज़रिए अभियान चलाए जाएं, ताकि लोग सीख सकें कि दवाइयों को सीधे कचरे में फेंकने के बजाय सुरक्षित तरीके से निस्तारित किया जाए।

फिलहाल क्या कर सकते हैं?

-दवाइयों को फार्मेसी रिटर्न पॉलिसी के तहत दुकानों पर लौटाया जा सकता है (जहां सुविधा उपलब्ध हो)।
-दवाइयों को मिट्टी, इस्तेमाल की हुई चायपत्ती या कॉफी के साथ मिलाकर सीलबंद पैकेट में फेंकें, ताकि जानवर या बच्चे इसे दोबारा न निकाल सकें।
-नालियों या खुले कचरे में दवाइयां कतई न डालें।

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