Edited By Vatika,Updated: 09 Apr, 2020 10:25 AM
पुलिस द्वारा सड़कों पर फ्लैग मार्च करके कर्फ्यू के पूर्ण रूप से लागू होने की बात कह दी जाती है। परन्तु असलियत जानने के लिए अंदरूनी मोहल्लों में उतरने की जरूरत है।
जालंधर(सुमित): पुलिस द्वारा सड़कों पर फ्लैग मार्च करके कर्फ्यू के पूर्ण रूप से लागू होने की बात कह दी जाती है। परन्तु असलियत जानने के लिए अंदरूनी मोहल्लों में उतरने की जरूरत है।
अगर देखा जाए तो सबसे ज्यादा परेशानी अंदरूनी मोहल्लों या गलियों में रहने वाले उन लोगों को होती है जो कोरोना से बचाव के लिए खुद को घरों के अंदर लॉकडाऊन करके बैठे हैं परन्तु मोहल्लों में किराने की दुकानें जो खुली रहती हैं और उन पर बिना किसी सावधानी लोगों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति महामारी का शिकार हो सकता है और इसे तेजी से आगे फैला सकता है।
अहम बात तो यह है कि जो लोग दुकानें खोल कर धंधा करते हैं उनके पास कर्फ्यू पास भी नहीं हैं। पुलिस भी अंदरूनी गलियों को नजरअंदाज करती नजर आ रही है। एक तरफ जहां लोग अपने मोहल्लों को खुद सील करने जैसी समझदारी से काम कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बिना कफ्र्यू पास के दुकानें खोलने वाले पूरे मोहल्लें की सेफ्टी से खिलवाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों की मांग है कि इस ओर पुलिस द्वारा ध्यान दिया जाए क्योंकि यह समस्या पूरे शहर के अंदरूनी इलाकों की है।