Edited By Vatika,Updated: 04 Jun, 2019 10:50 AM
गुरदासपुर लोकसभा सीट से हारे पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ की विधानसभा सीट से उपचुनाव लडऩे में दिलचस्पी नहीं है। पिछले कुछ समय से ऐसी चर्चाएं कांग्रेसी हलकों में चल रही थीं कि जाखड़ को पार्टी दाखा विधानसभा सीट से उपचुनाव में चुनावी मैदान...
जालंधर(धवन): गुरदासपुर लोकसभा सीट से हारे पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ की विधानसभा सीट से उपचुनाव लडऩे में दिलचस्पी नहीं है। पिछले कुछ समय से ऐसी चर्चाएं कांग्रेसी हलकों में चल रही थीं कि जाखड़ को पार्टी दाखा विधानसभा सीट से उपचुनाव में चुनावी मैदान में उतार सकती है। दाखा सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक एच.एस. फूलका ने विधायक पद से इस्तीफा दिया हुआ है परंतु अभी तक उनका इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार नहीं किया है।
ऐसा भी कहा जा रहा है कि शायद दाखा विधानसभा सीट को खाली घोषित करने में अभी काफी समय लग सकता है। जलालाबाद विधानसभा सीट को रिक्त घोषित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने चुनाव आयोग को पत्र पहले ही भेज दिया है क्योंकि जलालाबाद से विधायक सुखबीर बादल सांसद निर्वाचित हो चुके हैं। इसी तरह से फगवाड़ा सीट को भी रिक्त घोषित कर दिया जाएगा क्योंकि फगवाड़ा के विधायक सोम प्रकाश होशियारपुर लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हो चुके हैं। जाखड़ के निकटवर्ती मंत्रियों का मानना है कि अगर उनका आने वाले दिनों में राहुल द्वारा इस्तीफा अस्वीकार कर दिया गया तो फिर उस स्थिति में वह संगठन की तरफ ज्यादा ध्यान देंगे।
बताया जा रहा है कि दाखा विधानसभा सीट को लेकर फैसला अभी कुछ देर तक लंबित रह सकता है। यद्यपि जाखड़ के निकट माने जाने वाले कुछ मंत्रियों ने उन्हें दाखा सीट से विधानसभा का उपचुनाव लड़वा कर पंजाब में मंत्री बनने के लिए कहा था परन्तु जाखड़ का स्वयं का मानना है कि वह विधानसभा का उपचुनाव लडऩे के कतई इच्छुक नहीं हैं। बार-बार वह उपचुनाव नहीं लड़ेंगे इसलिए जाखड़ ने गुरदासपुर लोकसभा सीट से अपना धन्यवादी दौरा भी शुरू कर दिया है। शनिवार व रविवार को जाखड़ ने पराजय के बावजूद गुरदासपुर में पड़ते दीनानगर व अन्य क्षेत्रों में जाकर मतदाताओं का आभार जताया। दूसरी तरफ जाखड़ का ध्यान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ भी लगा हुआ है। जाखड़ ने अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा राहुल गांधी को भेज दिया था परन्तु पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह जाखड़ को प्रदेश अध्यक्ष पद पर बनाए रखने के लिए यत्नशील हैं, इसलिए सांसदों तथा सी.एल.पी. नेताओं की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से जाखड़ का इस्तीफा अस्वीकार करने का आग्रह किया गया था। मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह का मानना है कि जिस तरह से शहरी क्षेत्रों में भाजपा को वोटें मिली हैं, उसे देखते हुए हिन्दू कांग्रेसी नेता को अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहिए। अब गेंद राहुल गांधी के पाले में है तथा राहुल गांधी के स्वयं के बारे में अध्यक्ष पद को लेकर चल रही कशमकश के क्लीयर होने के बाद पंजाब को लेकर भी परिस्थितियां साफ होंगी।