Edited By Vatika,Updated: 22 Jan, 2021 01:21 PM
कुछ सप्ताह पहले जालंधर नगर निगम के कमिश्नर तथा जालंधर डिवैल्पमैंट अथॉरिटी के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर करनेश शर्मा ने उन कालोनाइजरों पर
जालंधर(खुराना): कुछ सप्ताह पहले जालंधर नगर निगम के कमिश्नर तथा जालंधर डिवैल्पमैंट अथॉरिटी के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर करनेश शर्मा ने उन कालोनाइजरों पर पुलिस केस दर्ज करवाने के निर्देश दिए थे, जिन्होंने एन.ओ.सी. पॉलिसी के तहत अपनी कालोनियों को रैगुलर करवाने बारे आवेदन तो दिए परंतु रिजैक्ट होने के बावजूद उन सभी कालोनियों को काट लिया गया और निगम तथा जे.डी.ए. को उन कालोनियों से कोई भी आय नहीं हुई।
पुलिस केस दर्ज होने की प्रक्रिया शुरू होते ही जालंधर के कालोनाइजरों में हड़कंप मच गया था और उन्होंने उद्योग मंत्री सुंदर श्याम अरोड़ा को साथ लेकर चंडीगढ़ में शहरी विकास मंत्री सुखसरकारिया से मुलाकात की थी। उस मुलाकात दौरान कालोनाइजरों ने एन.ओ.सी. पॉलिसी की सख्त शर्तों को जिम्मेदार ठहराते हुए मांग की थी कि पॉलिसी की शर्तों को कुछ नरम किया जाए और पुलिस केस दर्ज न करवाए जाएं। उस बैठक में हुए फैसलों के आधार पर अब हाऊसिंग एंड अर्बन डिवैल्पमैंट विभाग ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है जिसके तहत कालोनाइजरों को यह राहत दी गई है कि यदि वह अवैध कॉलोनी संबंधी पूरे पैसे जमा करवा देते हैं तो उन पर पुलिस केस दर्ज नहीं करवाया जाएगा। नए आदेशों में यह प्रावधान रखा गया है कि किसी भी फाइल को रिजैक्ट करते समय आवेदक का पक्ष सुना जाएगा और उसे अपील करने का अधिकार भी होगा। नए निर्देशों में पॉलिसी के कई प्रावधानों की शर्त में भी नरमी दिखाई गई है।
कुछेक कॉलोनाइजर ही जमा करवा सकेंगे पैसे
चाहे पंजाब सरकार से संबंधित मंत्रियों ने कालोनाइजरों को अपनी ओर से राहत देने का वचन पूरा कर दिया है परंतु फिर भी सरकारी अधिकारियों ने ऐसी शर्ते लगा दी है, जिससे माना जा रहा है कि आने वाले समय में भी अवैध कालोनियों को रेगुलर करवाने की प्रक्रिया आसान नहीं रहेगी। ऐसे में चर्चा यह भी शुरू हो गई है कि पैसे जमा करवाने के लिए केवल वही कॉलोनाइजर सामने आएंगे जिन्हें पुलिस केस या एफ.आई.आर. दर्ज होने का डर रहेगा। शहर में दर्जनों नहीं, सैकड़ों अवैध कालोनियां ऐसी हैं जिनके कॉलोनाइजर या तो इधर-उधर हो चुके हैं, कई विदेश चले गए हैं, कई मृत्यु तक के शिकार हो चुके हैं और कईयों की पार्टनरशिप टूट जाने के कारण अब उन अवैध कॉलोनियों के पैसे जमा नहीं हो सकेंगे। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में सरकारी अधिकारी पुलिस केसों का डर दिखाकर किस प्रकार कालोनाइजरों से अवैध कालोनियों की फीसें वसूलते हैं।
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