Edited By Vatika,Updated: 15 Jul, 2019 12:10 PM
भू-जल को बचाने व बासमती के मुनाफे हेतु प्रशासन द्वारा कई प्रयास करके किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में बासमती की बिजाई को 15 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना तैयार की गई है।
जालंधर(पुनीत): भू-जल को बचाने व बासमती के मुनाफे हेतु प्रशासन द्वारा कई प्रयास करके किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में बासमती की बिजाई को 15 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत पानी को बचाने वाली बासमती की किस्मों की बिजाई होगी जिससे किसानों को लाभ होगा।
कृषि अधिकारियों ने बताया कि आमतौर पर किसानों को एक क्विंटल गेहूं पर 1750-1800 रुपए की कमाई होती है, जबकि बढिय़ा किस्म की बासमती की पैदावार करके किसान 3000 रुपए मुनाफा कमा सकते हैं। बासमती की फसल अपनी पहचान के चलते विश्व भर में बेहतर मांग वाली फसल बनकर उभर रही है। पिछले वर्ष 17,000 हैक्टेयर की बिजाई हुई थी जबकि इस बार बासमती की बिजाई हेतु 20,000 हैक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्य खेतीबाड़ी अधिकारी नाजर सिंह ने बताया कि विश्व में बिना कीटनाशक के इस्तेमाल होने वाली बासमती की बेहद डिमांड है। इसी क्रम में किसानों को जागरूक करने हेतु सैमीनार आयोजित किए जा रहे हैं ताकि किसान अधिक मुनाफा कमाने के प्रति आगे बढ़ सकें। अधिकारियों ने कहा कि 9 तरह के कीटनाशकों के इस्तेमाल पर पूर्ण तौर पर पाबंदी है, जिनका इस्तेमाल करने वाले और इसे बेचने वाले दोनों पर ही बनती विभागीय कार्रवाई की जा सकती है।