Edited By Kuldeep,Updated: 02 Jun, 2025 10:04 PM

प्रदेश के सबसे पुराने औद्योगिक क्षेत्र परवाणु के सैक्टर 5 में शराब बनाने वाली कंपनी सील हो गई है। इस कंपनी में हरियाणा राज्य की कंपनियों के लिए शराब बनाई जा रही थी।
सोलन (ब्यूरो): प्रदेश के सबसे पुराने औद्योगिक क्षेत्र परवाणु के सैक्टर 5 में शराब बनाने वाली कंपनी सील हो गई है। इस कंपनी में हरियाणा राज्य की कंपनियों के लिए शराब बनाई जा रही थी। हैरानी की बात यह है कि कंपनी का अप्रैल से लाइसैंस भी रिन्यू नहीं हुआ था यानी यह कंपनी बिना लाइसैंस के ही शराब का उत्पादन कर रही थी। राज्य कर एवं आबकारी विभाग की प्रवर्तन टीम ने केएम डिस्टिलरि कंपनी में सोमवार को दबिश दी। राज्य कर एवं आबकारी विभाग (प्रवर्तन) के अतिरिक्त आयुक्त उज्ज्वल राणा के नेतृत्व 10 सदस्यीय टीम ने यह छापेमारी की।
इस दौरान कंपनी में 9 हजार बल्क लीटर ईएनए (एक्सट्रा न्यूट्रल एल्कोहल जिससे शराब बनती है) का स्टाक कम बरामद हुआ। इससे स्पष्ट है कि इस ईएनए का हरियाणा राज्य की शराब कंपनी के लिए शराब बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। छापेमारी के दौरान यह मामला संज्ञान में आने के बाद जब कंपनी की गहनता से छानबीन की गई तो इस दौरान कई चौंकाने वाले दस्तावेज विभाग की टीम के दौरान लगे।
कंपनी के अंदर से हरियाणा राज्य के 48 हजार होलोग्राम बरामद हुए, जो शराब की बोतल के ऊपर लगते हैं। यही नहीं पानीपत की एक शराब कंपनी के संतरा ब्रांड के भी 7000 लेबल कंपनी के अंदर से बरामद किए गए हैं। इसके अलावा ट्रैक एंड ट्रेस के भी 40000 स्टीकर इस छापेमारी के दौरान बरामद किए। यह मामला उजागर होने के बाद विभाग ने कंपनी को सील कर दिया है। इससे पूर्व इस टीम ने कालाअंब में भी इस प्रकार का एक मामला पकड़ा था। विभाग को सूचना मिली थी कि परवाणु में कार्यरत शराब कंपनियों में पड़ोसी राज्यों के लिए शराब का उत्पादन हो रहा है। इसका कंडा संज्ञान लेते हुए विभाग की प्रवर्तन टीम ने ऐसी कंपनियों के खिलाफ छापेमारी शुरू की है।
राज्य कर एवं आबकारी विभाग ( प्रवर्तन) के अतिरिक्त आयुक्त उज्ज्वल राणा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि परवाणु के सैक्टर 5 में शराब बनाने वाली कंपनी केएम डिस्टिलरि को सील कर दिया गया है। कंपनी द्वारा हरियाणा राज्यों की शराब कंपनियों के लिए शराब का उत्पादन किया जा रहा था। कंपनी में हरियाणा राज्य के 48 हजार होलोग्राम बरामद किए गए। पानीपत की एक शराब कंपनी के संतरा ब्रांड के 7 हजार लेबल के साथ ट्रैक एंड ट्रेस के भी 40 हजार स्टीकर मिले हैं। कंपनी में ईएनए का 9 हजार बल्क लीटर का स्टॉक भी कम बरामद हुआ। इससे स्पष्ट है कि इसका इस्तेमाल दूसरे राज्यों की बनाई गई शराब में किया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि कंपनी का लाइसैंस भी अप्रैल में समाप्त हो गया था। यह पूरा मामला सामने के आने के बाद कंपनी को सील कर दिया गया।