Edited By Kamini,Updated: 09 Jan, 2025 02:40 PM
पंजाब में गेहूं की कीमतों ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, जिससे गरीब लोगों के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है।
पंजाब डेस्क : पंजाब में गेहूं की कीमतों ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, जिससे गरीब लोगों के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। बता दें कि, इस वर्ष गेहूं की कीमतें कटाई से मात्र 3 महीने पहले ही 3,500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचने लगी हैं। गौरतलब है कि, पिछले रबी सीजन में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल था। राज्य में गेहूं की भारी कमी है, जिसके कारण पिछले वर्ष गेहूं की कीमत में इतनी वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, आज आटे का भाव 3800 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचने की संभावना है।
बीते दिन आटे का भाव 3600-3700 रुपये प्रति क्विंटल था। अगर ऐसा ही चलता रहा तो गरीब आदमी के लिए खाना खाना भी मुश्किल हो जाएगा। पिछले साल मई में यही कीमत 2650 रुपये प्रति क्विंटल थी। आटा मिलों को गेहूं की आवश्यक आपूर्ति नहीं हो रही है। खुले बाजार बिक्री योजना की नीलामी के दौरान गेहूं की मांग और आपूर्ति के बीच अंतर के कारण औसत कीमतें 3100 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गईं। पंजाब में आटा, ब्रेड और बेकरी इकाई प्रसंस्करण के लिए गेहूं खरीदना महंगा सौदा हो गया है।
इस बार गेहूं की फसल काफी प्रभावित हुई है। जिन किसानों ने पराली को जमीन में दबा दिया था, उन्हें दोबारा गेहूं बोना पड़ा है। FCI ने दिसंबर से स्टॉक बंद करना शुरू कर दिया है और हर हफ्ते 14,000 मीट्रिक टन की नीलामी की जाती है।
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